श्रीनगर , 14 May : (Jammu Kashmir Lok Sabha Election Hindi News 2024) डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत इतना अधिक नहीं है कि यह पता चल सके कि लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में विभाजित करने से खुश हैं या नाराज हैं।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में 37.98 फीसदी मतदान
अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में पहले लोकसभा चुनाव में सोमवार को श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में 37.98 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा कि यह दशकों में सबसे अधिक मतदान था। आज़ाद ने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में जो हो रहा है। उसे देखते हुए मुझे उम्मीद थी कि कश्मीर में 80 से 90 प्रतिशत मतदान होगा। अनुच्छेद 370 हटा दिया गया, राज्य का दर्जा छीन लिया गया। इसलिए मैंने सोचा कि मतदान अधिक होगा। जैसे 90 से 95 प्रतिशत।
आजाद ने कुलगाम जिले में पत्रकारों से की बात
आजाद ने कुलगाम जिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए संवाददाताओं से कहा कि कुछ प्रतिशत की वृद्धि शायद ही मायने रखती है क्योंकि यह भारत के हर निर्वाचन क्षेत्र में होता है। इस तरह, हम नहीं जान सकते कि लोग नाराज हैं या खुश हैं (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य का दर्जा छीनने से)। यह एक मेरे लिए यह बात है।
पुलवामा (Pulwama News) के त्राल शहर जैसे आतंकवाद प्रभावित इलाकों में मतदान प्रतिशत में वृद्धि के बारे में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे भारत में हर चुनाव के बाद मतदान में कुछ प्रतिशत की वृद्धि सामान्य है।
पाकिस्तान के लोगों से सहानुभूति-गुलाम नबी आजाद
उन्होंने कहा कि वहां कुछ इलाके उग्रवाद से प्रभावित थे। 1994-95 के बाद उग्रवाद कम होने लगा। आज उग्रवाद नगण्य है। उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में भी 30-40 प्रतिशत वोट पड़े और जो क्षेत्र प्रभावित नहीं थे, वहां भी वोट पड़े।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK News) में विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान (Pakistan News) के लोगों के साथ सहानुभूति है क्योंकि उन्हें भारत जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे पाकिस्तान के लोगों पर दया आती है क्योंकि उन्हें उस तरह की लोकतांत्रिक सरकार नहीं मिली जैसी भारत को मिली है। पाकिस्तान में या तो जनरल सीधे सरकार चलाते हैं या उनके नामित लोग सरकार चलाते हैं।