श्रीनगर ,14 May : संसदीय सीट श्रीनगर पर 17,47,810 मतदाताओं में से 8,71,808 पुरुष और 7,75,938 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर भले ही महिला मतदाताओं की संख्या कम हो, लेकिन वोट डालने के लिए उनमें उत्साह गजब का देखा गया। महिलाओं में उत्सुकता को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी अभूतपूर्व प्रबंध किए थे। वोट डालने में महिलाएं पुरुषों से कतई पीछे नहीं रहीं। उन्हें पिंक बूथ खूब भाए। इन बूथों पर महिला कर्मी और महिला सुरक्षाकर्मी ही दिखीं। श्रीनगर में आठ पिंक बूथ थे।
महिलाओं ने कश्मीर की प्रगति और अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का सपना आंखों में संजोये हुए ईवीएम का बटन दबाया। शहर के गाजीदूरी में बने पिंक बूथ वोट डालकर बाहर आई 27 वर्षीय जैनब जेहरा आज बहुत खुश है। उसने अपने जीवन का पहला वोट दिया है।
पिंक बूथ में फीमेल स्टाफ
उसने कहा कि बूथ में दाखिल होते ही कुछ अलग और कुछ अनोखा महसूस हुआ। यहां वोट डालने वाली भी महिलाएं और स्टाफ भी फीमेल। इसने अपने आप में बहुत कुछ बयां कर दिया। इससे अंदाजा होता है कि हमारे इस नए कश्मीर में अब औरतों को कितनी अहमितयत दी जा रही है। मुझे अपना वोट डालते हुए फख्र महसूस हुआ। मुझे लगा कि मैं वोट डाल कर मैंने अपने आप को महफूज कर लिया। जिस सरकार ने हमारे लिए इतना सोचा, उस सरकार में हमारा फ्यूचर ब्राइट है।
अधिकांश महिलाएं वोट डालने पहुंची
उसके पीछे वोट डालकर बाहर निकल रही 55 वर्षीय रहती बेगम ने जेहरा के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि हमने हमारी इन युवतियों तथा युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए मतदान किया। हमने तबाही ही देखी, लेकिन हमारे यह बच्चे बहार देखेंगे। मन के यह उद्गार अकेले जेहरा या रहती बेगम के नहीं हैं, बल्कि अधिकांश महिलाएं इसी उम्मीद से वोट डालने पहुंची।
सरकार से बेरोजगारों के लिए योजनाओं की उम्मीद
कतार में खड़ी 50 साल की शमीमा से पूछा गया कि वह किसलिए मतदान कर रही हैं? इस पर जवाब मिला कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए। शमीमा ने उम्मीद जताई कि सरकार बेरोजगारों के लिए जरूर ऐसी योजनाएं लाएगी, जिससे उनका जीवन सुखमय रहेगा। मैं जिसे वोट कर रही हूं, उसने वादा किया है कि वह हमारे इस मुद्दे पर बात करेगा।
नशाखोरी व बेरोजगारी हो जाए दूर
रफीका लालचौक के साथ सटे पिंक बूथ मंदरबाग में मतदान कर चुकी 47 वर्षीय रफीका बानो ने कहा कि मैंने वोट इसलिए किया कि यहां बेरोजगारी दूर हो जाए। उसने खुशी जताते हुए कहा कि सरकार की कोशिशों से तो हमारे नौजवान अब सही रास्ते पर तो आ गए हैं, लेकिन बेरोजगारी और नशाखोरी का फन फैलाए बैठी है। हमारे उम्मीदवार ने इन मसलों पर संसद में उठाने का वादा किया है। उसी भरोसे से वोट डालने आई हैं।