जम्मू, 7 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा हुआ और इस मुद्दे पर नौ सदस्यों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को अध्यक्ष एआर राथर ने नामंजूर कर दिया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। एनसी, कांग्रेस, पीडीपी और निर्दलीय सदस्यों के साथ-साथ स्थगन प्रस्ताव लाने वाले लोग भी वक्फ विधेयक पर चर्चा की मांग करने लगे और प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग करने लगे। भाजपा के सदस्य भी उनका विरोध करने के लिए खड़े हो गए।
हालांकि, स्पीकर राठेर ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने के लिए नियम 56 और 58 का हवाला दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियम 58 के उपनियम 7 के तहत, जो मुद्दे न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती।
पीडीपी के वहीद पारा ने तर्क दिया कि इस मामले पर तमिलनाडु विधानसभा में चर्चा हो चुकी है। जवाब में स्पीकर राथर ने कहा कि जब तमिलनाडु विधानसभा में इस पर चर्चा हुई थी, तब यह मामला विचाराधीन नहीं था, इसलिए प्रस्ताव अस्वीकृत रहे।
इसके बाद एनसी, कांग्रेस, पीडीपी और निर्दलीय सदस्य सदन के वेल में आ गए और “वक्फ बिल नमनज़ूर” जैसे नारे लगाने लगे।
हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
जब 15 मिनट बाद सदन पुनः समवेत हुआ तो भी वही दृश्य विद्यमान थे।