यूपी , 6 Feb : यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव आयोग के रवैये से बेहद नाराज हैं। मलिकपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, “यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर चुका है, हमें सफेद कपड़े का त्याग करना होगा।” बुधवार को अखिलेश यादव ने दावा किया कि पुलिस मतदाता पहचान पत्रों की जांच कर रही है। ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में उन्होंने चुनाव आयोग से इसमें शामिल लोगों को हटाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया।
अखिलेश यादव ने कहा, “अयोध्या पुलिस द्वारा मलिकपुर में मतदाताओं के पहचान-पत्रों की जांच करने की खबर से संबंधित तस्वीरों का चुनाव आयोग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए, जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल है। मतदाताओं में भय पैदा कर मतदान को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने का यह मामला लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तत्काल हटाया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए।”
हालांकि, अयोध्या पुलिस ने अखिलेश यादव के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि बूथ एजेंटों के पहचान पत्र की जांच की जा रही है, मतदाताओं के नहीं। अयोध्या पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस मतदाताओं की नहीं, बल्कि उम्मीदवार के बूथ एजेंट के पहचान पत्र की जांच कर रही है। इसमें आगे कहा गया है, “ऊपर दी गई तस्वीर बूथ एजेंट के पहचान पत्र की है। फोटो से पता चलता है कि एक उम्मीदवार बूथ एजेंट है, जिसकी पुष्टि उसके पहचान पत्र को देखकर हुई। कृपया भ्रामक जानकारी पोस्ट न करें।”
अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने भी मलिकपुर उपचुनाव के बाद चुनाव आयोग पर उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने आंखें मूंद ली हैं। इसीलिए उनके बारे में सवाल उठ रहे हैं। कल मलिकपुर में जिस तरह से चुनाव हुए और कई शिकायतें की गईं, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। नकली मतदान कराया गया और बूथ कैप्चरिंग की गई। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग भी है और उसके बाद भी अगर चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा है तो सवाल तो उठेंगे ही।