जम्मू , 21 May : केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख में हुए पहले लोकसभा चुनाव में खूब मतदान हुआ। करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ। खास बात यह कि लेह जिले की अपेक्षा कारगिल जिले में अधिक मतदान हुआ। प्रदेश बनाए गए 577 मतदान केंद्रों में पूरे दिन कतारें रहीं। इस सीट एक निर्दलीय समेत तीन उम्मीदवार मैदान में हैं।
लद्दाख के मुख्य निवार्चन अधिकारी यतिन्द्र मरालकर ने देर शाम बताया कि कुछ दूरदराज के मतदान केंद्रों के आंकड़े अभी आने हैं। इससे मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है। वर्ष 2019 व 2014 के चुनाव में इस सीट पर 71 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ था। लद्दाख सीट पर 1,84,803 मतदाता हैं। इसमें मुस्लिम बहुल कारगिल में 95,928 और बौद्ध बहुल लेह जिले में 88,875 मतदाता हैं। लेह व कारगिल दोनों जिलों में मतदान केंद्रों में सुबह से ही कतारें लगने लगी थीं।
चार घंटों में ही हुआ 28 फीसदी मतदान
पहले चार घंटों में ही 28 प्रतिशत मतदान हो गया था। दोपहर तीन बजे तक 61.26 प्रतिशत और शाम पांच बजे तक 67.15 प्रतिशत मतदान हो गया। इसमें कारगिल जिले में 71.45 प्रतिशत तो लेह जिले में 62.5 प्रतिशत मतदान शामिल रहा। शाम छह बजे तक लद्दाख में पिछले दो लोकसभा चुनाव का 71 प्रतिशत मतदान का रिकार्ड टूट गया था।
उपराज्यपाल ने भी डाला वोट
लेह में महिला पोलिंग स्टाफ द्वारा संचालित स्कारा योकमा मतदान केंद्र में 80 वर्षीय सेरिंग नुरबू व उनकी 80 वर्षीय पत्नी सोनम डोलम ने वोट डाला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी यतिन्द्र एम मरालकर ने इस दंपति से भेंट कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसी मतदान केंद्र में लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा व उनकी पत्नी नीलम मिश्रा ने भी वोट डाला।
ये प्रत्याशी मैदान में
चुनाव मैदान में उतरे तीन उम्मीदवारों में लेह जिले से भाजपा के ताशी ग्यालसन, कांग्रेस के सेरिंग नामग्याल मैदान में हैं। वहीं, कारगिल जिले के रहने वाले निर्दलीय उम्मीदवार हाजी हनीफा जान मैदान में हैं।
लद्दाख में अब तक मतदान
- 2019- 71.05 प्रतिशत
- 2014- 71.40 प्रतिशत
- 2009- 71.8 प्रतिशत
- 2004- 73.52 प्रतिशत
- 1999- 81.88 प्रतिशत
- 1998- 73.36 प्रतिशत
- 1996- 80.93 प्रतिशत