बलरामपुर , 6 May : नामांकन के अंतिम दिन से पहले समाजवादी पार्टी ने श्रावस्ती लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदल कर नया दांव चल दिया। बसपा से निकाले गए सांसद राम शिरोमणि वर्मा को सपा ने पहले प्रत्याशी बनाया था।
रविवार शाम को अचानक राम शिरोमणि वर्मा का टिकट कटने की चर्चा शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर श्रावस्ती लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदलने और पूर्व विधायक कांग्रेस प्रदेश सचिव धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू के उम्मीदवार बनने की पोस्ट वायरल होने लगी। लोग एक दूसरे को फोन करके प्रत्याशी बदलने की पुष्टि करने लगे। समर्थक कालीथान स्थित पूर्व विधायक के आवास पर एकत्र हो गए और पटाखे जलाकर कर खुशी मनाई।
स्थानीय प्रत्याशी होने से मुकाबला कड़ा होना तय
पूर्व विधायक के स्वागत के लिए माध्यमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष भगवती शुक्ल, सपा नेता इकबाल जावेद, अंगद शरन गौतम माला लेकर उनके आवास पर खड़े थे। पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह के करीबी लाखन सिंह ने दो सेट नामांकन फार्म पहले ही ले रखा था। समर्थक सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय प्रत्याशी होने से मुकाबला कड़ा होना तय है।
अधिकारिक रूप से कोई पत्र नहीं मिला
सपा जिलाध्यक्ष डॉ . माणिकलाल कश्यप ने बताया कि प्रत्याशी बदलने कर जानकारी लखनऊ कार्यालय से फोन से दी गई है, लेकिन अधिकारिक रूप से कोई पत्र नहीं मिला है। लखनऊ कार्यालय से फोन करने वाले ने देर रात तक पत्र मिल जाने की बात कही है।
शिरोमणि खेमे में मायूसी
दूसरी तरफ नामांकन कर श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे राम शिरोमणि वर्मा के खेमे में मायूसी है। उनके लोगों ने बताया कि सांसद भी लखनऊ गए हैं। पूर्व विधायक कांग्रेस प्रदेश महासचिव धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू ने फोन पर बताया कि सपा से उनको टिकट मिल गया है। सोमवार को नामांकन पत्र दाखिले करेंगे। लखनऊ से लौट रहे हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू को गठबंधन दल का प्रत्याशी बनाया गया है। सपा में आए सांसद राम शिरोमणि वर्मा वर्ष 2019 में सपा- बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी के रूप में श्रावस्ती से चुनाव लड़ा था। और जीत दर्ज की थी। इस बार बसपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद सपा का दामन थाम कर वह टिकट ले आए थे।
गठबंधन दल से राम शिरोमणि वर्मा के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही पूर्व विधायक कांग्रेस के बड़े नेताओं और सपा मुखिया के संपर्क में थे। वह यह साबित करने में लगे रहे कि सांसद राम शिरोमणि वर्मा से जिले की जनता नाराज है।
2007 में बने थे विधायक
2007 में बलरामपुर सदर विधानसभा से बसपा से पहला चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। 2010 में विधान परिषद सदस्य का चुनाव पत्नी सविता सिंह को लड़ाया और शानदार जीत दर्ज की। वर्ष 2012 में बलरामपुर में सीट आरक्षित होने पर बसपा से उतरौला विधानसभा का चुनाव लड़े और कम मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2019 में श्रावस्ती लोकसभा से कांग्रेस से चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह विधायक बनने से पहले प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनके भतीजे अविरल सिंह हरैया सतघरवा ब्लाक के प्रमुख भी हैं। Agency.