जम्मू , 30 Apr : लद्दाख संसदीय सीट के लिए भाजपा ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है लेकिन कांग्रेस को अभी अपने उम्मीदवार के नाम का इंतजार है। भाजपा ने एडवोकेट ताशी ग्यालसन को लद्दाख सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। 20 मई को होने वाले चुनाव के लिए तीन मई तक उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। तीन दिन ही समय ही नामांकन पत्र भरने में शेष रह गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस व कांग्रेस के बीच समझौते के तहत लद्दाख सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है।
लद्दाख में 1,84,268 मतदाता हैं, जिसमें 92442 पुरुष व 91826 महिला मतदाता हैं। लद्दाख के भाजपा के प्रभारी तरुण चुग लेह पहुंच चुके हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू कर दी है। जम्मू से आज सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक कौल, सत शर्मा और चौधरी विक्रम रंधावा सुबह जम्मू से लेह के लिए रवाना हुए थे लेकिन लेह पहुंचने पर मौसम खराब होने के कारण फ्लाइट लैंड नहीं कर पाई और फ्लाइट दिल्ली चली गई। मौसम साफ होने पर ये तीनों नेता मंगलवार को दिल्ली से लेह पहुंचेंगे।
लद्दाख में अभी नहीं तय कांग्रेस उम्मीदवार का नाम
पिछले चुनाव में पूर्व एमएलसी चौधरी विक्रम रंधावा ने काफी समय लेह व कारगिल में बिताया था। इस बार करीब बीस दिन तक ये नेता प्रचार करेंगे। लेह व कारगिल के अलावा गांवों व दूरदराज के इलाकों में भी जाएंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस ने लद्दाख सीट के लिए अभी तक उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं किया है। कांग्रेस के लद्दाख के प्रभारी मनोज यादव का कहना है कि जल्द ही उम्मीदवार का नाम घोषित होगा।
दो या तीन दिन में हो जाएगा कांग्रेस उम्मीदवार का फैसला
कांग्रेस के प्रधान व पूर्व मंत्री रिगजिन जोरा, वरिष्ठ नेता हाजी असगर अली करबलाई, सेरिंग नामग्याल उम्मीदवार के रूप में पार्टी के मुख्य दावेदार के रूप में देखते जा रहे हैं। वहीं, लद्दाख संसदीय सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से कांग्रेस पर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपना उम्मीदवार कारगिल जिले से संबंध रखने वाले को ही मैदान में उतारे।
लद्दाख हिल विकास काउंसिल कारगिल के चेयरमैन व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जफर आखून जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के हैं, उनका कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत चल रही है और अगले दो-तीन दिन में फैसला हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा है और हम यह चाहते हैं कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार कारगिल जिले से उतारे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता कमर अली आखून जो नेशनल कांफ्रेंस कांग्रेस गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे हैं, के विचार भी मिलते जुलते हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रधान रिगजिन जोरा लेह के हैं जबकि कार्यवाहक प्रधान हाजी अजगर अली करबलाई कारगिल के रहने वाले हैं। इन दोनों को प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। जोरा लेह विधानसभा की सीट तीन बार जीत चुके हैं।
लद्दाख में पांच बार रहा कांग्रेस का कब्जा
लद्दाख संसदीय सीट पर पांच बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। साल 1967, 1971 में कांग्रेस के कुशाक बाकुला जीतें थे। साल 1977 में पार्वती देवी विजयी हुई थी। साल 1980 और 1984 में कांग्रेस के फुंसोंग नामग्याल विजयी हुए थे। इस सीट को तीन बाद निर्दलीय भी जीत चुके हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने दो बार और भाजपा ने दो बार सीट जीती है। इस बार गठबंधन के तहत नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख को मिलाकर तीन-तीन सीटें बांट ली। लद्दाख की सीट कांग्रेस के खाते में डाल दी गई।