जम्मू , 4 Aug : पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 समाप्त करने के छह साल पूरे होने पर जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली न होने पर लोगों के अधिकार छीनने के मुद्दे पर कांग्रेस मंगलवार को काला दिवस मनाएगी। पार्टी का कहना है कि पार्टी के लिए अनुच्छेद 370 मुद्दा नहीं है।
अब तो जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली के मुद्दे पर ही अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा का कहना है कि इस दिन डोगरा राज्य का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। हमारे हक छीने गए हैं।
महाराजा हरि सिंह पार्क में पार्टी के नेता व कार्यकर्ता धरने पर बैठेंगे। पार्टी लंबे समय से हमारी रियासत हमारा हक अभियान चला रही है। अभियान के दूसरे चरण में 9 अगस्त से लेकर बीस अगस्त तक अनशन किया जाएंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा के नेतृत्व में श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन होगा।
इस बीच जम्मू-कश्मीर की संविधानिक स्थिति और गरिमा को बहाल करने के लिए कांग्रेस पार्टी की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रधान और पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने सोमवार को घोषणा की कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए आंदोलन लोगों के सक्रिय समर्थन के साथ अपने तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।
भल्ला ने कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ आज बाग-ए-बाहू में समाज के विभिन्न वर्गों के साथ विस्तृत बातचीत की। इस संवाद का उद्देश्य जनता की शिकायतें सुनना, विभिन्न समुदायों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों को समझना और जम्मू-कश्मीर के लोकतांत्रिक अधिकारों और संवैधानिक पहचान को बहाल करने के लिए पार्टी के संकल्प को दोहराना था।
इस दौरान पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच बनाने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए जनसंपर्क अभियान की पहल शुरू की है। भल्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ऑल पार्टीज यूनाइटेड मोर्चा ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने पर जोर दिया है। इसमें कांग्रेस, नेकां, पीडीपी सहित अन्य संगठनों के नेता शामिल हुए। मोर्चा के कनवीनर आईडी खजुरिया, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा, नेशनल कांफ्रेंस के वरिंदर सिंह, विजय लोचन, सीपीआइएमएल के सुभाष मेहता, सिख नेता नरेंद्र सिंह खालसा, पीडीपी के वरिंदर सिंह, सीपीआई के राकेश कुमार, शिवसेना के मनीष साहनी व अन्य नेता इसमें शामिल हुए।
यूनाइटेड मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक तरफा फैसला करते हुए और गैर लोकतांत्रिक तरीके से जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा कम किया है देश के इतिहास में पहली बार राज्य का दर्जा काम करके और उसका विभाजन करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए। नेताओं ने कहा कि सभी विकास कार्य, राजनीतिक और आर्थिक शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं और लोकतांत्रिक संस्थाओं की ताकत कम की गई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने भी जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने के लिए कहा है। फ्रंट के नेताओं ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। जम्मू कश्मीर के स्थाई नागरिकों को रोजगार दिया जाए और स्थानीय लोगों को भूमि के अधिकार मिलने चाहिए।