जम्मू , 4 August : प्राचीन शिव मंदिर बिश्नाह से महामण्डलेश्वर अनूप गिरि महाराज ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार नौ अगस्त शनिवार के दिन मनाया जाएगा। नौ अगस्त का पूरा दिन शुभ है लेकिन राहुकाल में सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक राखी न बांधे। राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। रक्षाबंधन का विशेष शुभ मुहूर्त दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक रहेगा। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन हमारा राष्ट्रीय पर्व है। भारतीय त्योहारों में रक्षाबंधन एक महत्त्वपूर्ण तथा ऐतिहासिक त्यौहार माना जाता है। इसका प्रारम्भ सौ-दो सौ या हजार-दो हजार वर्ष से नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व देव-दानव के युद्ध के समय हुआ था। उस समय श्रावण पूर्णिमा के दिन ही देवराज इंद्र की पत्नी महारानी शची ने वैदिक मंत्रों से अभिमंत्रित एक रक्षासूत्र अपने पति इंद्र की कलाई पर बांधकर उन्हें शत्रुओं से अभय बना दिया था। इसी रक्षासूत्र के बल पर इंद्र ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी। यह राखी जो विगत काल में स्त्री की सौभाग्य रक्षा की प्रतीक थी। समय के साथ-साथ वही राखी भाई-बहन के पवित्र बंधन के रूप में बदल गई। एक बार भगवान कृष्ण के हाथ में चोट लग गई थी। द्रौपदी ने जब यह देखा तो उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी फाडक़र अपने भाई के हाथ में बांध दी। इसी बन्धन के ऋणी श्री कृष्ण ने दुशासन द्वारा चीर हरण के समय द्रौपदी की लाज बचाई थी।
चीनी डोर का उपयोग ना करें
रक्षाबंधन के दिन पतंग उड़ाने का विशेष महत्त्व होता है। मेरा युवाओं से निवेदन है कि पतंग उड़ाने में गट्टू डोर (चाइनीज मांझा) का उपयोग ना करें। यह जानलेवा है हम कई ऐसी घटनाओं को देख सुन चुके हैं। कृपया ऐसा कोई कार्य न करें जिससे लोगों की जान को खतरा हो। अगर कोई व्यक्ति चाइनीज मांझा खरीदता-बेचता दिखे तो तुरन्त पुलिस को सूचित करें। हमें अपने देश में बनी डोर से ही पतंग उड़ाना चाहिए। बहनें भी अपने देश में बनी राखी का उपयोग करें। भाई भी उपहार देसी ही दें। इससे देश में चल रहे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। देश की लक्ष्मी भी देश में ही रहेगी।