नई दिल्ली, 23 मई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने इस तथ्य को उजागर कर दिया है कि भारत में आतंकवाद पूरी तरह से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा अपने 22वें अलंकरण समारोह के अवसर पर आयोजित रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में उन्होंने यह भी कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी क्षमता साबित की है और पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों को अनुमति नहीं दी है।
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने यह उजागर कर दिया है कि भारत में आतंकवाद पूरी तरह से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है।”
गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने सबसे पहले पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया, लेकिन यह पाकिस्तानी सेना थी जिसने भारत पर हमला करने की कोशिश करके जवाब दिया।
उन्होंने कहा, “हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हमने पाकिस्तानी सेना के प्रतिष्ठानों, नागरिकों या वायु सेना के ठिकानों को निशाना नहीं बनाया।”
शाह ने कहा, “हमने आतंकवादियों को निशाना बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर ले लिया और साबित कर दिया कि यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद था।”
गृह मंत्री ने कहा, “उन्होंने हमारे नागरिकों को निशाना बनाने का दुस्साहस किया, लेकिन हमारी वायु रक्षा प्रणाली के सामने वे सफल नहीं हो सके। इसके जवाब में, हमने उनके वायु ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें अपनी मारक क्षमता से परिचित कराया।”
उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा की सरकार बनी और उरी में सैनिकों पर हमला हुआ।
उन्होंने कहा, “हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। उसके बाद पुलवामा हमला हुआ। इसके जवाब में हमने एयर स्ट्राइक की। अब पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर इसका जवाब था। इसके लिए दुनिया हमारी सराहना कर रही है। मैं सेना को सलाम करता हूं।”
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया।
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी।
देश की सुरक्षा में बीएसएफ द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि यह बल इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे देशभक्ति के बल पर सभी कठिनाइयों को पार किया जा सकता है और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल बन सकता है।
बांग्लादेश सहित अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में बीएसएफ की भूमिका का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि पड़ोसी देश को यह नहीं भूलना चाहिए कि इसके निर्माण में बीएसएफ ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि वह सम्पूर्ण राष्ट्र की ओर से 1965 से 2025 तक सर्वोच्च बलिदान की भावना के साथ अपने कर्तव्य पथ पर निडरता से चलते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले 2,000 से अधिक सीमा प्रहरियों को नमन करते हैं। केएफ रुस्तमजी बीएसएफ के संस्थापक पिता और पहले महानिदेशक थे। बीएसएफ विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जिसमें लगभग 2.75 लाख कर्मी पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश से लगती भारतीय सीमाओं की रक्षा करते हैं।
बीएसएफ की स्थापना 1965 में हुई थी।
