नई दिल्ली, 02 मई: कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी शुक्रवार शाम को पहलगाम आतंकवादी हमले और केंद्र द्वारा घोषित जाति जनगणना से उत्पन्न स्थिति पर विचार-विमर्श करेगी।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि पूरी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) बैठकर देश के समक्ष मौजूद दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेगी।
सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग करने तथा राष्ट्रीय जनगणना के तहत जल्द ही जाति जनगणना कराने के लिए धन आवंटित करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर सकती है।
यह भी मांग की जा सकती है कि संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाया जाना चाहिए। सीडब्ल्यूसी द्वारा सरकार से अनुच्छेद 15(5) को लागू करने का भी आग्रह किए जाने की उम्मीद है, जो निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण से संबंधित है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक यहां पार्टी के 24, अकबर रोड मुख्यालय पर शाम चार बजे होगी।
यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा यह घोषणा किये जाने के दो दिन बाद हो रही है कि जाति गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जाति का विवरण शामिल किया जाएगा।
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर 24 अप्रैल को भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि 22 अप्रैल के हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
उन्होंने 11 साल तक विरोध करने के बाद अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के सरकार के अचानक फैसले का स्वागत किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि केंद्र को इसके कार्यान्वयन के लिए समयसीमा तय करनी चाहिए।
सरकार द्वारा जाति जनगणना की घोषणा के लिए कांग्रेस द्वारा चलाए गए सतत अभियान को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा था कि उनका तात्कालिक संदेह यह है कि क्रियान्वयन के मामले में यह महिला विधेयक की राह पर जा सकता है और उन्होंने इसके लिए एक विशिष्ट तिथि की मांग की थी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि जाति जनगणना के लिए कांग्रेस द्वारा सरकार पर डाला गया दबाव काम कर गया है।