नई दिल्ली , 4 April : वक्फ संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक और कानूनी अधिकारों को प्रभावित करता है और संविधान के अनुच्छेद 19, 25, 26 और 29 का उल्लंघन करता है।
बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मुहम्मद जावेद वक्फ पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य भी रह चुके हैं। उनका तर्क है कि इस संशोधन से मुसलमानों के अधिकार प्रभावित होंगे और वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा।
इस बीच, देश के विभिन्न शहरों में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्यों ने कोलकाता के पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन किया और विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्ति जब्त करने की साजिश और अल्पसंख्यकों को बदनाम करने का प्रयास है।
इसी तरह, तमिलनाडु में अभिनेता और राजनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कड़गम (टीवीके) ने चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, थूथुकुडी और तंजावुर में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी महासचिव एन. आनंद के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और कहा कि केंद्र को वक्फ संपत्तियों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
विजय ने विधेयक को ‘अलोकतांत्रिक’ बताया और कहा कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो उनकी पार्टी मुसलमानों के कानूनी संघर्ष में उनका समर्थन करेगी।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी विधेयक का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार बहुमत के आधार पर जबरन इस विधेयक को पारित कर रही है और इससे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का हनन हो रहा है। वक्फ संशोधन विधेयक के प्रति सार्वजनिक और कानूनी प्रतिरोध बढ़ रहा है, तथा सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका इस मामले को और भी गंभीर बना सकती है। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या फैसला लेता है।