दिल्ली , 2 April: दिल्ली की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी को भूकंप और अन्य आपदाओं से बचाने के लिए एक ठोस मास्टर प्लान तैयार किया है. अब दिल्लीवालों को डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि दिल्ली सरकार आधुनिक आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) स्थापित करने जा रही है. यह केन्द्र किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान राजधानी को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना सालों से पाइपलाइन में थी और शहर के भूकंपीय मानचित्र के जोन IV में स्थित होने के बावजूद जहां आवासीय इकाइयों का बड़ा हिस्सा भवन नियमों और उपनियमों के अनुसार नहीं बनाया गया है. इस मुद्दे पर 12 मार्च को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक में चर्चा हुई, जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने की और इसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थीं. सक्सेना ने मुख्यमंत्री, जो डीडीएमए की उपाध्यक्ष भी हैं उनसे पिछली सरकार द्वारा अब तक उपेक्षित रसद संबंधी मुद्दो को संबोधित करने का अनुरोध किया था.
कौन से हैं भूकंप संभावित क्षेत्र
सीएम रेखा गुप्ता, जो वित्त पोर्टफोलियो भी संभालती हैं, उन्होंने पिछले महीने विधानसभा में 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए उल्लेख किया था कि राजधानी विभिन्न आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है. अधिकारियों ने कहा कि बैठक में चर्चा, आपदा शमन के दृष्टिकोण से गंभीर स्थिति पर केंद्रित थी, जो नरेला, बवाना, मजनू का टीला, शाहदरा, सोनिया विहार और शाहीन बाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों की भेद्यता के इर्द-गिर्द घूमती थी, जो यमुना के किनारे उत्तर, उत्तर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में स्थित हैं, जो अत्यधिक भूकंप संभावित क्षेत्रों में आते हैं.
30 करोड़ रुपये का बजट: सरकार ने इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे अत्याधुनिक मशीनरी और संचार उपकरणों से लैस एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि अब यह प्रक्रिया तेज होने के लिए तैयार है, भले ही हाल के भूकंपों ने म्यांमार और थाईलैंड को झकझोर दिया हो.
– भूकंप-रोधी निर्माण: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को भूकंप-रोधी भवन निर्माण के निर्देश दिए गए हैं, जिससे आपदा के समय निर्बाध संचार बना रहे.
– घनी आबादी वाले इलाकों पर विशेष ध्यान: नरेला, बवाना, मजनू का टीला, शाहदरा, सोनिया विहार और शाहीन बाग जैसे संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं.
तेज हुआ काम: म्यांमार और थाईलैंड में हाल ही में आए भूकंपों से सबक लेते हुए सरकार ने इस परियोजना की गति को तेज कर दिया है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि दिल्ली की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. पिछली सरकारों ने जो अनदेखी की थी, उसे अब खत्म किया जा रहा है. दिल्ली को हर आपदा से बचाने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. अब दिल्लीवालों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि चाहे भूकंप हो या कोई और आपदा – सरकार ने आपकी सुरक्षा का पक्का इंतजाम कर लिया है!