जम्मू, 07 फरवरी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमय बीमारी के कारण बीमार पड़ने के बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराए गए 38 मरीजों को पूरी तरह ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
मुख्य सचिव अटल डुल्लो की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित स्वास्थ्य पेशेवरों और पुलिस कर्मियों की बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 60 परिवारों के 363 लोग राजौरी में विभिन्न सुविधाओं में संगरोध में हैं।
रहस्यमय बीमारी ने 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच बधाल में तीन परिवारों के 17 लोगों की जान ले ली।
स्वास्थ्य सचिव सैयद आबिद रशीद शाह ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित परिवारों को अलग रखने तथा जांच के बाद उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव उपाय किए गए हैं।
शाह ने कहा, “लक्षण वाले 55 व्यक्तियों में से 38 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि अब तक 17 मौतें दर्ज की गई हैं।”
उन्होंने कहा कि फिलहाल अस्पतालों में कोई नया मरीज भर्ती नहीं है और मौजूदा मरीजों की जांच पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ और एम्स, नई दिल्ली के डॉक्टरों की टीमों द्वारा की गई है।
शाह ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य टीमें तैनात हैं जो निवासियों में किसी भी नए लक्षण की निगरानी कर रही हैं तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा सभी की जांच की जा रही है।
संभागीय आयुक्त ( जम्मू ) रमेश कुमार ने कहा कि परिवारों के बीच किसी भी प्रकार का भोजन या खाद्य सामग्री का आदान-प्रदान नहीं किया जा रहा है, तथा उन्हें निरंतर निगरानी में रखा गया है।
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उन्होंने कहा, “वर्तमान में 60 विभिन्न परिवारों के 363 व्यक्तियों को क्वारंटीन किया गया है, तथा 592 पशुओं की देखभाल पशु एवं भेड़ पालन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं, ताकि उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा हो सके।”
जीवन की सुरक्षा और मौतों के कारणों की पहचान के प्रयासों का आकलन करते हुए डुल्लू ने निरंतर सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया और मूल कारण का पता लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयुक्त उर्वरकों, कीटनाशकों और कीटनाशकों के नमूने लेने के निर्देश दिए।
उन्होंने भविष्य में इसी प्रकार की स्थितियों से निपटने के लिए स्थानीय अस्पताल सुविधाओं को बढ़ाने का भी आह्वान किया, जिसमें अतिरिक्त आईसीयू बेड, ऑक्सीजन संयंत्र, आइसोलेशन वार्ड और विशिष्ट दवाओं और विशेषज्ञों की उपलब्धता शामिल है।
मुख्य सचिव ने एम्स दिल्ली से स्थानीय चिकित्सा कर्मचारियों की क्षमता निर्माण में सहायता करने का आग्रह किया तथा केंद्र शासित प्रदेश में अस्पताल की क्षमता निर्माण में सहायता के लिए डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजने तथा विशेषज्ञों को शामिल करने का सुझाव दिया।
इसके साथ ही डुल्लू ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को विभिन्न संस्थानों से प्राप्त परीक्षण रिपोर्टों तथा प्रतीक्षित रिपोर्टों के आधार पर जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि बधाल में शेष घरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गांव को 14 समूहों में विभाजित किया गया है, जिनकी निगरानी बहु-विभागीय टीमें कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि गांव में सभी दुकानें और प्रतिष्ठान सील रहेंगे, जबकि राशन वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।