जम्मू, 1 अक्टूबर: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर अनुच्छेद 370 का इस्तेमाल कर जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 6 साल के कार्यकाल के लिए प्रभावित करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करीब 50 साल बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल छह साल की बजाय पांच साल का होगा। उन्होंने कहा, ‘पूर्ववर्ती शासकों ने अनुच्छेद 370 के बहाने विधानसभा का कार्यकाल छह साल का रखा। जब 1975 में आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक संशोधन पेश किया और विधानसभाओं और संसद का कार्यकाल छह साल के लिए बढ़ा दिया। कांग्रेस के समर्थन से जेके में शासन कर रही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बिना किसी दूसरे विचार के प्रस्ताव को पारित कर दिया।
‘हालांकि, जब जनता पार्टी सरकार ने तीन साल बाद संशोधन को रद्द कर दिया, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस सरकार ने छह साल के शासन को जारी रखने के लिए अनुच्छेद 370 का इस्तेमाल किया। इस तरह से राजनीतिक वंशवाद अपने फायदे के लिए अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग कर रहा था। अनुच्छेद 370 से लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ।’
केंद्रीय मंत्री आज सुबह यहां त्रिकुटा नगर मतदान केंद्र पर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में अपना वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। मंत्री के साथ उनकी पत्नी और बेटा भी थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सफलता और केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र को “वास्तविक मुख्यधारा” में लाने को दर्शाती है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा,
“मैं प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूं।” लोकतंत्र का उत्सव मनाया जा रहा है, खुशी साफ झलक रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह पहला चुनाव है, जब पाकिस्तान से हमले का आह्वान नहीं किया गया, न ही पहले की तरह 8-10 प्रतिशत मतदान हुआ… पाकिस्तान से आए शरणार्थी कांग्रेस के प्रति बहुत अनुकूल रुख नहीं रखते थे, वे विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार मानते थे, विभाजन सबसे बड़ी विफलताओं में से एक था, वे इसके लिए नेहरू और जिन्ना की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को जिम्मेदार ठहराते थे। उन्हें मतदान के अधिकार से दूर रखा गया, लेकिन उन्होंने दो पीएम, मनमोहन सिंह और आईके गुजराल दिए, अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग किया गया, यहां कमल खिलेगा,”
उन्होंने पिछली सरकारों, विशेष रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि समाज और गोरखा समुदाय को उनकी “नागरिकता और मतदान के अधिकार” से वंचित करके अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि लोग देश के किसी भी अन्य हिस्से की तरह बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “आपको इस बात की सराहना करनी चाहिए कि पिछले 35 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में यह पहला चुनाव हो रहा है, जहां पाकिस्तान से कोई हड़ताल का आह्वान नहीं है, अलगाववादियों द्वारा कोई बहिष्कार अभियान नहीं चलाया गया है, कोई अलगाववादी नारा नहीं है… यही कारण है कि मैं इस चुनाव को लोकतंत्र की सच्ची मुख्यधारा कह रहा हूं।”
उन्होंने कहा, ”शहरी स्थानीय निकाय, पंचायतें, अपनी तरह के पहले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव कराने और डबल इंजन सरकार के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पंचायती राज अधिनियम में 73वें, 74वें संशोधन को लागू करने का श्रेय मोदी को जाता है।”
सात दशकों के लंबे इंतजार के बाद पश्चिमी पाकिस्तानी, वाल्मीकि और गोरखा समुदाय की आबादी को मतदान का अधिकार मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन समुदायों के साथ अन्याय भी पिछली सरकारों द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के दुरुपयोग का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा, ”भले ही आप विदेश चले जाएं, आपको 10 साल बाद नागरिकता के अधिकार मिल रहे हैं, लेकिन जिस समुदाय ने भारत को दो प्रधानमंत्री- मनमोहन सिंह और आईके गुजराल दिए,
उन्हें विभाजन के बाद जेके में बसने के लिए नागरिकता और मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया।” अनुच्छेद 370 और 35ए की आड़ में उन्हें नागरिकता और मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया, जबकि हमारे पास उनके समुदाय से दो प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा,
“इससे फिर से पता चलता है कि इसका (अनुच्छेद 370) दुरुपयोग और दुरूपयोग उन लोगों द्वारा किया गया जो इसके मुखर समर्थक थे, जबकि इससे आम आदमी को कभी कोई मदद नहीं मिली- चाहे वह जम्मू में हो या श्रीनगर में। श्रीनगर के लोगों ने भी अपने दिल में इसके निरस्तीकरण को मंजूरी दी।”