जम्मू, 15 May : देश के बाकी हिस्सों में मतदान प्रतिशत में कमी चर्चा का विषय है, लेकिन श्रीनगर में जिस तरह मतदान प्रतिशत दोगुने से भी ज्यादा रहा, उसने केंद्र सरकार के इस तर्क को और बल दे दिया है कि अनुच्छेद-370 हटने से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं।
सोमवार को श्रीनगर में लगभग 38 प्रतिशत वोट पड़े, जो 1996 के बाद अब तक हुए चुनावों में सबसे अधिक हैं और 2019 चुनाव के मुकाबले दोगुने से ज्यादा। ‘दैनिक जागरण’ से विशेष बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुशी जताते हुए कहा कि यह एक और उदाहरण है जो साबित करता है कि अनुच्छेद-370 को खत्म करने का फैसला सही था। जो लोग अभी भी अनुच्छेद-370 को फिर से लाने की पैरवी कर रहे हैं, उनके लिए यह सबक है।
अनुच्छेद 370 को लेकर जमकर हुआ बवाल
गौरतलब है कि 2019 में मोदी सरकार के गठन के पहले सौ दिनों के अंदर ही सरकार ने अनुच्छेद-370 हटाने का विधेयक पारित कराया था। बतौर गृह मंत्री शाह ने ही इसे अमलीजामा पहनाया था। संसद से लेकर सड़क तक विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया था और यहां तक चेताया था कि हिंसा का दौर शुरू हो जाएगा।
अब तक सरकार की ओर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद विकास और सामाजिक न्याय के आंकड़ों को गिनाया जाता था, लेकिन अब जिस तरह वोटर बाहर निकले हैं, उसने लोकतंत्र की मजबूती का भी साक्ष्य दे दिया है, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की है।
पहले करेंगे संगठन मजबूत फिर उतरेंगे मैदान में- अमित शाह
बातचीत में शाह ने यह भी बताया कि घाटी से भाजपा ने अपने उम्मीदवार क्यों नहीं दिए। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत दुष्प्रचार किया जा रहा था। कहा जा रहा था कि राजनीतिक प्रभुत्व जमाने के लिए हमने विकास कार्य को तेजी दी। हमारी पार्टी में बहुत गंभीरता से विचार किया गया और तय किया गया कि पहले हम अपना संगठन मजबूत करेंगे फिर मैदान मे उतरेंगे।
कश्मीर की तीनों सीटों पर बीजेपी ने नहीं उतारे उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने कश्मीर घाटी की तीनों सीटों श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग से उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। साथ ही शाह यह दावा भी करते हैं कि देश में मोदी सरकार के कामकाज का ऐसा असर है कि इस बार बहुत बड़ी जीत हासिल होगी।