
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने दिल्ली ब्लास्ट (Delhi blast) के मुख्य आरोपी उमर नबी के एक पुराने वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वीडियो में उमर सुसाइड बॉम्बिंग को ‘शहादत’ और ‘गलत समझा गया अमल’ बता रहा है. ओवैसी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
असदुद्दीन ओवैसी ने प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि इस्लाम में खुदकुशी सख्त हराम है और मासूम लोगों का खून बहाना सबसे बड़ा गुनाह है. सुसाइड बॉम्बिंग को ‘शहादत’ कहना इस्लाम का अपमान है. यह किसी भी तरह ‘गलत समझा गया’ नहीं है. यह पूरी तरह आतंकवाद है और देश के कानून के खिलाफ जघन्य अपराध है.
कहां से पैदा हो गया नया मॉड्यूल?
केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिम्मेदारों को आतंकी हमले को रोकने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में गृहमंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ का हवाला देते हुए दावा किया था कि पिछले छह महीनों में एक भी स्थानीय कश्मीरी युवक आतंकी संगठन में शामिल नहीं हुआ. फिर यह नया आतंकी मॉड्यूल कहां से पैदा हो गया?
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए कई सवाल
Delhi Blast को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कई सवाल उठा हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में आईईडी प्लांट करने वाला यह ग्रुप खुफिया एजेंसियों की नाक के नीचे कैसे तैयार हुआ? इसका पता न लगा पाने की जिम्मेदारी कौन लेगा?
अंडर इन्वेस्टिगेशन दिल्ली ब्लास्ट (Delhi blast under investigation)
दिल्ली ब्लास्ट को लेकर जांच जारी है. अल फलाह यूनिवर्सिटी की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसके कारण वो भी जांच के दायरे में हैं. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद सिद्दीकी को 13 दिन की हिरासत में लिया है, जिसमें कई खुलासे होने की संभावना है. सिद्दीकी को आतंकी हमले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया है.
ईडी ने जावेद अहमद सिद्दीकी को मंगलवार देर रात दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेश किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शीतल चौधरी प्रधान ने बुधवार रात करीब एक बजे जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश पारित किया. अपने आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों का पालन किया है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए सिद्दीकी को 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जाना चाहिए.






