श्रीनगर , 10 May : Srinagar Lok Sabha Seat: मौजूदा चुनाव को एक जनमत संग्रह की तरह समझ कर मतदान का आह्वान करने पर पीडीपी के उम्मीदवार वहीद उर रहमान परा (Waheed Rehman Para) को चुनाव आयोग ने वीरवार को नोटिस जारी कर दिया।
जनमत संग्रह से कम नहीं चुनाव
नोडल अधिकारी ने परा को भेजे नोटिस में उनका ध्यान इंटरनेट मीडिया पर उनके उस भाषण की तरफ दिलाया है जिसमें वह लोगों से कह रहे हैं कि मौजूदा चुनाव को सिर्फ चुनाव न समझें यह किसी भी तरह से जनमत संग्रह से कम नहीं है।
13 मई के दिन दिल्ली को संदेश देना जरूरी है कि यहां लोगों की चुप्पी को उनकी सहमति न समझा जाए। यहां युवाओं का भविष्य अंधेरे में है, लोग डरे हुए हैं,वह खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।
नोटस में इस हिस्से का भी उल्लेख
परा ने 20 अप्रैल को यहां श्रीनगर में पीडीपी के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से कहा था कि दिल्ली को यह संदेश पहुंचाना जरूरी है कि कश्मीर के लोग खुश नहीं हैं और वह अपनी पहचान, अपनी जमीन और अपने आर्थिक हितों की सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।
नोटिस में परा के भाषण के उस हिस्से का भी उल्लेख किया है, जिसमें वह यह कह रहे हैं कि कश्मीर की एक पूरी पीढ़ी हमसे धीरे धीरे छूट रही है, बच्चे नशे का शिकार हो रहे हैं, हमारी आने वाली नस्लें खतरे में हैं- हमें इन्हें बचाना है, हम चाहते हैं लोग इस चुनाव को जनमत संग्रह से कम न समझें।
ये गतिविधि मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है
नोटिस में परा को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय देते हुए बताया गया है कि दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट है कि कोई भी गतिविधि, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या आपसी नफरत पैदा कर सकती है, का प्रयास नहीं किया जाएगा।
आपके इस कृत्य से समुदायों के बीच मतभेद बढ़ने की संभावना है। आपको तत्काल प्रभाव से ऐसे बयान न देने का निर्देश दिया जाता है और दो दिन के भीतर अपने उपरोक्त बयान के सटीक संदर्भ के साथ स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा जाता है।