श्रीनगर , 3 May : कश्मीर क्या बदला, लोकसभा चुनाव (Srinagar Lok Sabha Election 2024) के मुद्दे भी बदल गए।
कश्मीरी दल भले ही अनुच्छेद 370 के मुद्दे को हवा देने और राज्य के दर्जे के नाम पर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश करें, लेकिन आम कश्मीरियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। लोग रोजगार, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ युवाओं में बढ़ती नशे की लत जैसी चुनौतियों के निपटारे के लिए ठोस उपाय चाहते हैं।
मूल आवश्यकताओं पर अधिक फोकस
लोग अब आतंकवाद व अलगाववाद की बात नहीं करते बल्कि चाहते हैं कि कश्मीर में बड़े-बड़े उद्योग स्थापित हों, जो इन्हें पूरा करने का वादा करेगा, हमारा वोट उसी को जाएगा। श्रीनगर-गांदरबल संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान हो रहा है, जागरण ने मतदाताओं के बीच जाकर उनसे सीधी बात की।
श्रीनगर निवासी अब्दुल अहद हकाक ने कहा, यह सही है कि केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासों से हमें अलगाववाद व आतंकवाद से काफी हद तक छुटकारा मिला है, लेकिन बेरोजगारी का ग्रहण अभी भी है।
बेरोजगार पर की जा रही बात
हमारे प्रदेश में छह लाख से अधिक पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं। मेरे दो बेटे हैं। एक ने एयरोनाटिक इंजीनियरिंग और दूसरे ने एमबीए कर रखा है।
सरकार ने बेशक पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए योजनाएं भी शुरू की हैं, लेकिन यहां बड़े उद्योग आएंगे तभी युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। ऐसे प्रतिनिधि चाहते हैं, जो संसद में हमारे मुद्दों को उठाए। उनके पास बैठे मोहम्मद इब्राहिम गनई ने कहा, यहां हालात बदले, विकास का नया दौर शुरू हुआ।
पर्यटन भी बढ़ा, लेकिन बिजली की हालत नहीं बदली। प्रदेश तब तक पूरी तरह से विकिसत नहीं बन सकता जब तक हमारे पावर प्रोजेक्ट्स पूरी तरह से गतिशील न हो जाएं। जो बिजली की किल्लत दूर करने का वादा करेगा, मैं तो उसे ही वोट दूंगा।
केंद्र सरकार तक पहुंचे नशे की समस्या
फिरदौस पर्रे नामक युवक ने नशे की लत को गंभीर मुद्दा बताया। फिरदौस ने कहा, हमारे प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं।
\केंद्र सरकार तक कश्मीर में नशे के बढ़ते जाल के बारे में बात पहुंचनी चाहिए, ताकि कोई ठोस नीति लाई जाए। मेरे जैसे अधिकांश युवा उसी नेता को चुनना चाहते हैं जो इस मुद्दे पर बात करे, इसके समाधान के लिए काम करे।
हमारे क्षेत्र में नल व बिजली की पर्याप्त सुविधा नहीं श्रीनगर की तरह ही संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी बड़े-बड़े मुद्दों पर बात करने के बजाए अपनी छोटी-छोटी जरूरतों का ही हल चाहते हैं।
बड़गाम के सोचलपथरी क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद शरीफ नियाज ने कहा, मुझे नहीं पता कि लोकसभा चुनाव में कौन से मुद्दे उठाने होते हैं और विधानसभा चुनाव में किन मुद्दों पर बात करनी है। मैं तो बस यहीं कहूंगा कि हमारे क्षेत्र में नल की सुविधा नहीं है। हम आज भी ट्यूबवेल से पानी लाते हैं। बिजली भी न के बराबर है।
जो बिजली की दिक्कत दूर करेगा, वही हमारा नेता
गांदरबल जिले के अकहाल इलाके के रहने वाले इलयास अहमद खान ने कहा, मैं बाकी मुद्दों पर बात नही करूंगा, अलबत्ता हमारे इलाके में बिजली की सबसे बड़ी समस्या है।
खान ने कहा, 300 परिवारों वाले हमारे गांव के लिए 250 केवी का बिजली ट्रांसफार्मर है, जो हर दूसरे दिन जल जाता है। फिर मरम्मत के लिए हफ्तों पड़ा रहता है। जो बिजली की दिक्कत दूर करेगा, वही हमारा नेता होगा।
24 उम्मीदवारों का भाग्य तय करेंगे मतदाता
श्रीनगर-गांदरबल सीट पर 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें नेकां के आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी, पीडीपी के वहीद उल रहमान परा, अपनी पार्टी के मोहम्मद अशरफ मीर, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के आमिर अहमद भट, भारत जोड़ो पार्टी के यूनुस अहमद मीर, नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी की रुबीना अख्तर, नेशनल पैंथर्स पार्टी के हकीकत सिंह तथा जन सुरक्षा पार्टी के मोहम्मद यूनुस भट शामिल हैं।
इसके अलावा कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। संसदीय क्षेत्र के 17,48,091 मतदाता 24 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।