नई दिल्ली , 1 May : दिल्ली-एनसीआर के करीब 100 स्कूलों को बुधवार सुबह ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद से ही हर शहर में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि अब तक की जांच में पुलिस को ऐसा कुछ भी नहीं मिला है जो संदिग्ध हो।
यह खबर फैलते ही अभिभावकों के बीच परेशानी बढ़ गई है और इसे ही देखते हुए दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और एलजी वीके सक्सेना समेत दिल्ली पुलिस ने अभिभावकों से चिंता नहीं करने की अपील की है।
एलजी समेत सभी का यही संदेश है कि पैनिक न करें। पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और अब तक की जांच में कोई संदिग्ध सामान बरामद नहीं हुआ है।
एलजी लगातार पुलिस के संपर्क में
आज सुबह की इस घटना के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल एलजी वीके सक्सेना ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पुलिस आयुक्त से बात की और दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम की धमकी पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस को स्कूल परिसर में गहन तलाशी लेने, दोषियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कोई चूक न हो।
एलजी ने अभिभावकों से अपील करते हुए लिखा है कि, मैं अभिभावकों से अनुरोध करता हूं कि वे घबराएं नहीं और स्कूलों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रशासन का सहयोग करें। उपद्रवियों और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से की ये अपील
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी अभिभावकों से चिंता न करने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया, आज सुबह कुछ स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल लिया गया है और दिल्ली पुलिस द्वारा उन परिसरों की तलाशी ली जा रही है। अभी तक किसी भी स्कूल में कुछ नहीं मिला।
आतिशी ने आगे लिखा, हम पुलिस और स्कूलों के साथ लगातार संपर्क में हैं। अभिभावकों और नागरिकों से अनुरोध करूंगी कि घबराएं नहीं। जहां भी आवश्यक हो, स्कूल अधिकारी अभिभावकों के संपर्क में रहेंगे।
डीसीपी ने बताया क्या है मेल का उद्देश्य
मदर मेरी स्कूल पर पहुंचीं डीसीपी अपूर्वा गुप्ता का कहना है कि मेल का कंटेंट और उद्देश्य एक ही है। मेल से बच्चों में भय का माहौल बनाया जा रहा है। पुलिस, बम स्क्वाड, दमकल विभाग जांच में जुटे हुए हैं। पूर्वी दिल्ली में करीब 10 स्कूलों को मेल आया है। मेल के बाद ही सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। स्कूल प्रबंधन से भी अनुरोध है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।