जम्मू , 30 Apr : श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान होने वाली मौतों को रोकने के लिए इस बार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की आकस्मिक जांच की जाएगी। अगर किसी का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र फर्जी मिला तो उसे यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमरनाथ यात्रा में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र हमेशा से ही एक अहम मुद्दा रहा है। यात्रा के दौरान होने वाली मौतों के पीछे फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को बड़ा कारण माना जाता है।
29 जून से 19 अगस्त तक चलेगी अमरनाथ यात्रा
इस बार अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है और यह 19 अगस्त तक चलेगी। हर बार की तरह इस बार भी यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य है। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाने के लिए जिला अस्पतालों से लेकर सभी कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों और कुछ प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों तक में व्यवस्था की गई है। इस बार ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को भी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसी तरह हर राज्य ने अधिकृत डॉक्टरों की सूची भी अमरनाथ श्राइन बोर्ड को दी है।
अरुणाचल प्रदेश ने अभी तक नहीं दी डॉक्टरों की सूची
सिर्फ अरुणाचल प्रदेश ने ही अभी तक डॉक्टरों की सूची नहीं दी है। कई बार यह भी शिकायतें आती हैं कि श्रद्धालु का स्वस्थ ठीक न होने पर भी उसे स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है। जब श्रद्धालु यात्रा पर आते हैं तो अधिक ऊंचाई व कठिन रास्तों में उनकी दिक्कत बढ़ जाती है। इससे कइयों की मौत भी हो जाती है। फर्जी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर चर्चा की गई।
दो स्थानों पर होगी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की आकस्मिक जांच
इसमें तय हुआ कि यात्रा के दौरान किन्हीं दो स्थानों पर श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की आकस्मिक जांच की जाए। स्वास्थ्य विभाग में यात्रा के नोडल अधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने कहा कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि किन दो स्थानों पर जांच होगी, लेकिन पहली बार ऐसी व्यवस्था हो सकती है।