श्रीनगर , 19 Mar : Jammu and Kashmir Politics: नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का नाम लिए बगैर कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव रुकवाए हैं। जो लोग इस समय यहां सर्वेसर्वा बने हुए हैं, वह बेताज बादशाह बनकर हुकूमत करते रहना चाहते हैं।
सुरक्षा कारणों का हवाला देकर रुकवाए चुनाव
दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के दम्हाल हांजीपोरा में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि यहां सभी राजनीतिक दल लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जम्मू कश्मीर की मौजूदा सरकार ने ही यहां विधानसभा चुनाव कराए जाने की प्रक्रिया को धक्का पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां जो बड़े अधिकारी हैं वह नहीं चाहते कि यहां लोगों की चुनी हुई सरकार हो। उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर चुनाव रुकवाए हैं।
संसदीय चुनावों के तुंरत बाद हों विधानसभा चुनाव
उमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यहां संसदीय चुनावों के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2024 की जो समय सीमा दी है, उससे पहले यहां लोगों को अपनी सरकार चुनने का मौका मिलेगा।
चुनाव आयोग ने भी कहा है कि वह सितंबर की समय सीमा बीतने से पहले ही चुनाव होंगे। ईवीएम पर सवालों पर उमर ने कहा कि चुनाव आयोग अब मतपत्रों का इस्तेमाल नहीं करेगा, इसलिए ईवीएम से ही चुनाव होंगे।
सीएए पर भी बोले उमर
सीएए (CAA) पर सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि यह कानून सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, कुछ और भी अल्पसंख्यक समुदाय हैं, जिन्हें इसके दायरे से बाहर रखा गया है। चुनाव के समय मजहबी कार्ड खेलना भाजपा की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने परिसीमन से अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति अपनाई है।
जनता भाजपा के एजेंडे को समझती है
जम्मू को कश्मीर के खिलाफ खड़ा किया, हिंदुओं को मुस्लिमों के खिलाफ तैयार किया और अब गुज्जर-बक्करवाल और पहाड़ी समुदाय को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। भाजपा यह सब दक्षिण कश्मीर की सीट जीतने के लिए कर रही है। जनता भाजपा के एजेंडे को समझती है।