माले , 28 Feb : चीन का रिसर्च जहाज मालदीव से रवाना हो गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले हफ्ते चीन का 4500 टन वाला हाई टेक रिसर्च जहाज मालदीव पहुंचा था, जो बुधवार को यहां से रवाना हो गया।
क्या है पूरा मामला?
चीन के रिसर्च जहाज के मालदीव पहुंचने के साथ ही तरह-तरह के सवाल खड़े हो गए? आखिर चीनी जहाज मालदीव क्यों आया? इसको लेकर आधिकारिक तौर पर कहा गया कि चीनी जहाज ‘जियांग यांग होंग 3’ अपने कर्मियों के रोटेशन और पुनःपूर्ति के लिए एक पोर्ट कॉल करने के लिए मालदीव आया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने Adhadhu.com के हवाले से बताया कि 22 फरवरी को माले में डॉकिंग के बाद ‘जियांग यांग होंग 03’ मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सीमा पर लौट आया है। हालांकि, माले बंदरगाह से जाने करने के बावजूद ट्रैकिंग साइटों ने दो दिन पहले हुलहुमाले के पास जहाज का आखिरी संकेत दिखाया है।
हुलहुमाले माले से लगभग 10 किमी उत्तर पूर्व में है। जहाज 23 फरवरी को माले के पश्चिम में लगभग 7.5 किमी दूर थिलाफुशी में ठहरा हुआ था। रिपोट्स के मुताबिक, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जहाज ने 22 जनवरी को माले के रास्ते में ट्रैकिंग सिस्टम को बंद दिया होगा।
जियांग यांग होंग 03 जहाज
जियांग यांग होंग 03 को साल 2016 में चीन के राज्य महासागरीय प्रशासन (SOA) के बेड़े में शामिल किया गया था। इस जहाज की लंबाई 100 मीटर और वर्तमान में इसका वजह 4,500 टन है। चीन 2019 से इस जहाज का इस्तेमाल ‘डिस्टेंट वाटर’ और ‘डीप सी’ सर्वे के लिए करता है।
इससे पहले 5 जनवरी को श्रीलंका ने चीनी जहाज को अपने जल क्षेत्र में दाखिल नहीं होने दिया था। इसी के साथ ही श्रीलंका ने अपने जल क्षेत्र में विदेशी रिसर्च जहाजों के प्रवेश पर सालभर के लिए रोक लगा दी।