नई दिल्ली ,2 Feb : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने शुक्रवार को बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए अगल देश की मांग की थी। दरअसल उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार बजट में दक्षिण के राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है और बजट का पैसा उत्तर भारत को अधिक दिया जाता है, जबकि दक्षिण के राज्यों के हिस्से में इसका कुछ ही हिस्सा आ पाता है। उन्होंने आगे कहा था कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दक्षिण भारत के राज्य अलग देश की मांग करेंगे।
सुरेश को सांसद रहने का नहीं है अधिकारः भाजपा
वहीं, डीके सुरेश के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस और आईएनडीआईए गठबंधन पर लगातार हमला कर रही है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को डीके सुरेश के इस बयान को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सुरेश को एक मिनट भी सांसद रहने का अधिकार नहीं है।
सुरेश के बयान को लेकर विपक्षी नेताओं ने साधी चुप्पीः रविशंकर
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी न्याय यात्रा कर रहे हैं और कर्नाटक के डिप्टी सीएम के भाई एवं कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने जिस प्रकार से भारत तोड़ने वाला बयान दिया है, ऐसे व्यक्ति को एक मिनट भी सांसद रहने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित विपक्ष के सभी नेता चुप हैं।
कांग्रेस पार्टी मांगे माफीः भाजपा
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब कोई सांसद बनता है तो वह भारत की संप्रभुता और एकता को बनाए रखने के लिए शपथ लेता है, लेकिन जब भारत की एकता और अखंडता का यदि अतिक्रमण किया जाएगा तो उस पर उचित प्रतिबंध लग सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने जो भी कहा है वह भारत के संविधान के हर प्रावधान का उल्लंघन है, उनको एक मिनट भी सांसद रहने का अधिकार नहीं है। भाजपा सांसद ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से प्रश्न किया कि क्या वह माफी मांगेगे और डीके सुरेश को पार्टी से सस्पेंड करेंगे?
आईएनडीआईए पर बोला हमला
भाजपा नेता ने सुरेश के इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन आईएनडीआईए पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गठबंधन के सभी नेता कर्नाटक के कांग्रेस सांसद की इस बेहद शर्मनाक, गैर-जिम्मेदाराना और असंवैधानिक टिप्पणी पर चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने कहा क साल 2009-14 में मनमोहन सिंह सरकार के दौरान कर्नाटक के लिए कर का हस्तांतरण 53,396 करोड़ रुपये था, जबकि पीएम मोदी के कार्यकाल में साल 2014-19 के दौरान यह 1.35 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। उन्होंने सवाल किया कि डीके सुरेश किस भेदभाव की बात कर रहे हैं?