
दुबई , 21 Nov : दुबई एयर शो में शुक्रवार (21 नवंबर, 2025) का दिन भारत के लिए निराशाजनक रहा. वहां प्रदर्शनी में दुनियाभर के फाइटर जेट्स के बीच उड़ान भर रहा भारतीय वायुसेना (IAF) का हल्का स्वदेशी लड़ाकू विमान (LCA) तेजस (Tejas) दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह हादसा दुबई के अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर शो के दौरान हुआ, जब विमान अपनी एयरोबेटिक (कलाबाजियों) का प्रदर्शन कर रहा था. यह दुर्घटना स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2:10 बजे हुई.
एयर शो में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेजस उड़ान के दौरान एक जटिल युद्धाभ्यास कर रहा था, तभी उसके पायलट ने नियंत्रण खो दिया और विमान नीचे आकर जमीन से टकरा गया. जमीन पर गिरते ही विमान में आग लग गई और चारों ओर काला घना धुआँ छा गया. इस घटना को देखकर एयर शो में मौजूद हजारों दर्शक स्तब्ध रह गए. तुरंत ही आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंचीं. भारतीय वायुसेना के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं.
600 करोड़ का था एक विमान, वैश्विक स्तर पर हमें ठेस पहुंची
दुबई में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तेजस विमान भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रतीक था. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित तेजस, जिसे भारत में पुराने हो चुके मिग-21 बेड़े को बदलने के लिए विकसित किया गया है, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक तेजस लड़ाकू विमान की अनुमानित कीमत लगभग ₹600 करोड़ है. इस हादसे से न केवल वायुसेना को एक आधुनिक विमान का नुकसान हुआ है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर, खासकर दुबई एयर शो जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में, भारत के रक्षा निर्यात प्रयासों को भी एक झटका लगा है. भारत कई देशों के सामने तेजस को एक सस्ते और उन्नत विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है.

चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, तेज रफ्तार और उन्नत तकनीक
तेजस को दुनिया के सबसे हल्के और सबसे छोटे सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. यह विमान 4+ पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में आता है, जो इसे उन्नत तकनीकों से लैस करता है.
तेजस की मुख्य विशेषताएँ:
- स्पीड (Speed): 2000 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक (लगभग Mach 1.6).
- रेंज (Range): एक बार में 3,000 किलोमीटर तक उड़ान भरने की क्षमता.
- भार (Weight): हल्का लड़ाकू विमान होने के कारण इसका वजन करीब 6500 Kg है.
- सर्विस सीलिंग (Service Ceiling): 16,000 मीटर (लगभग 52,000 फीट) की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है.
तेजस आधुनिक AESA रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलों और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट जैसी प्रणालियों से लैस है. इसका डेल्टा विंग डिज़ाइन इसे बेहतरीन एजिलिटी (फूर्ति) प्रदान करता है, जिसका प्रदर्शन यह दुबई में कर रहा था.

जांच के बाद सामने आएगी दुर्घटना की सच्चाई
फिलहाल, आज दुबई में हुई दुर्घटना के पीछे की सही वजह स्पष्ट नहीं है. शुरुआती तौर पर यह किसी तकनीकी खराबी या पायलट द्वारा किए गए जटिल युद्धाभ्यास में चूक हो सकती है. भारतीय वायुसेना और HAL की एक संयुक्त टीम दुबई रवाना हो गई है, जो दुर्घटनास्थल का मुआयना करेगी और ब्लैक बॉक्स की जांच के बाद ही क्रैश के सटीक कारणों का पता चल पाएगा. यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब तेजस Mk-1A वैरिएंट के उत्पादन में तेजी लाई जा रही है और कई देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं.






