श्रीनगर, 11 सितंबर: विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधिक कार्य विभाग ने दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के मुकदमे चलाने के लिए अधिवक्ता फरमान अली को केंद्र सरकार के स्थायी वकील (सीजीएससी) के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है।
अधिवक्ता फरमान अली को वर्ष 2020 में वरिष्ठ पैनल वकील नियुक्त किया गया था। तब से वे भारत संघ के मामलों को संभाल रहे हैं।
फरमान अली मुकदमेबाजी, सलाहकार सेवाओं और कानूनी दस्तावेजीकरण में एक दशक से अधिक के अनुभव वाले एक अनुभवी अधिवक्ता हैं, वर्तमान में वे डीएसके लीगल, नई दिल्ली में प्रधान सहयोगी के रूप में कार्यरत हैं।
वे दिल्ली उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति में सिविल पैनल वकील, सर्वोच्च न्यायालय में भारत संघ के लिए ग्रुप ‘ए’ पैनल वकील, दिल्ली उच्च न्यायालय में भारत संघ के लिए वरिष्ठ पैनल वकील, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के लिए कनिष्ठ स्थायी वकील के रूप में सूचीबद्ध हैं।
वे राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण (एनएए), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक जैसी प्रमुख संस्थाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
जम्मू और कश्मीर के मूल निवासी, अधिवक्ता फरमान अली माग्रे, इस धरती के लाल हैं। वे अली मोहम्मद माग्रे के पुत्र हैं, जिनका न्यायिक जीवन काफी प्रतिष्ठित रहा है और वे जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
11 सितंबर 2025 के आदेश संख्या J-11017/19/2025-न्यायिक द्वारा जारी उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के अनुमोदन से की गई है। अली तीन वर्ष की अवधि या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहेंगे।
