नई दिल्ली, 29 जुलाई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में घोषणा की कि पहलगाम नरसंहार को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को श्रीनगर के पास सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए, शाह ने कहा कि सोमवार को ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए आतंकवादियों की पहचान सुलेमान उर्फ फैजल, अफगानी और जिबरान के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा, “सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का कमांडर था, अफगानी भी लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का आतंकवादी था, जिब्रान भी एक कुख्यात और वांछित आतंकवादी था। पहलगाम की बैसरन घाटी में हमारे नागरिकों की हत्या में शामिल ये तीनों आतंकवादी अब मारे जा चुके हैं।”
शाह ने सदन को बताया कि आतंकवादियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में हिरासत में लिए गए लोगों को लाया गया और पुष्टि की गई कि वे तीनों 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में शामिल थे।
उन्होंने कहा, “जो लोग आतंकवादियों को भोजन और आश्रय मुहैया कराते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों ने उनकी पहचान की।”
आतंकवादियों से बरामद हथियार – एम-9 और एके-47 राइफलें – सोमवार रात को विशेष उड़ान से चंडीगढ़ लाई गईं, जहां से उन्हें केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया।
शाह ने बताया कि पहलगाम में मिले खाली कारतूसों और बरामद बंदूकों से परीक्षण के बाद मिले कारतूसों का मिलान फोरेंसिक लैब में किया गया है। उन्होंने बताया कि बैलिस्टिक रिपोर्ट उनके पास है।
उन्होंने कहा, “छह फोरेंसिक विशेषज्ञों ने आज सुबह वीडियो कॉल पर मुझसे पुष्टि की है कि ये वही गोलियां हैं जिनका इस्तेमाल पहलगाम हमले में किया गया था।”
गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकवादियों में से दो के पाकिस्तानी मतदाता पहचान पत्र, पाकिस्तान में बनी चॉकलेट और हथियार बरामद किए हैं।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया था कि वे इस कायराना कृत्य के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को देश छोड़ने की अनुमति न दें।
पहलगाम हमले को बर्बर बताते हुए शाह ने कहा कि निर्दोष नागरिकों को उनके धर्म के बारे में पूछकर उनके परिवारों के सामने बेरहमी से मार दिया गया और उनकी अत्यंत क्रूरता से हत्या कर दी गई।
पहलगाम में तथा नागरिकों पर पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण नागरिक शहीद हुए तथा कुछ गुरुद्वारों और मंदिरों को नुकसान पहुंचा।
शाह ने कहा कि अब पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भेजे जा रहे हैं, क्योंकि कश्मीर में कोई स्थानीय आतंकवादी नहीं है।
जम्मू यात्रा गाइड
2005 से 2011 के बीच 27 आतंकवादी हमले हुए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार ने क्या किया? उन्होंने तो बस पाकिस्तान को डोजियर भेज दिए।”
पाकिस्तान को सभी आतंकवाद की जड़ बताते हुए शाह ने कहा कि पाकिस्तान कांग्रेस की एक गलती थी। उन्होंने आगे कहा, “अगर उन्होंने विभाजन को नकार दिया होता, तो पाकिस्तान होता ही नहीं।”