नई दिल्ली, 4 जून: कांग्रेस ने बुधवार को विदेशी छात्रों को प्रभावित करने वाले अमेरिकी फैसलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चीन ने अपने छात्रों के बारे में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बात पर “पूरी तरह से चुप” रहे हैं कि इस कदम से भारतीय छात्र कैसे प्रभावित हो रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2024 में लगभग 3,37,630 भारतीय छात्र उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका गए और अमेरिकी परिसरों में लगभग एक तिहाई विदेशी छात्र भारत से हैं।
इसका मतलब है कि लगभग साढ़े तीन लाख भारतीय परिवारों ने अपनी मेहनत की कमाई का निवेश किया या अपने बच्चों की शिक्षा के लिए अमेरिका में उधार लिया।
रमेश ने एक्स पर कहा, “इन छात्रों के साथ-साथ जो छात्र पहले के वर्षों में गए थे, उनका भविष्य अनिश्चित है। 2025 में जाने की योजना बना रहे बड़ी संख्या में छात्रों की आकांक्षाएं कभी पूरी नहीं हो सकतीं।” उन्होंने कहा,
“राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। चीन ने चीनी छात्रों के बारे में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। लेकिन आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पूरी तरह से चुप रहे हैं।” रमेश ने सरकार की
आलोचना करते हुए कहा, “वे राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे पर पूरी तरह से चुप हैं कि ऑपरेशन सिंदूर को महज चार दिनों में रोक दिया गया था और उन्होंने इस बात पर चिंता का एक शब्द भी नहीं कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यों से भारतीय छात्र और उनके परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।”
भारत ने पिछले गुरुवार को कहा था कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका भारतीय छात्रों के वीजा आवेदनों पर योग्यता के आधार पर विचार करेगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन द्वारा नए छात्र वीजा साक्षात्कारों को रोकने पर चिंता बढ़ रही है।
अमेरिका द्वारा अपने वीजा व्यवस्था में किए गए बदलावों ने भारत सहित दुनिया भर के छात्रों के बीच व्यापक अनिश्चितता पैदा कर दी है।
छात्र वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया जांच का विस्तार करने की ट्रंप प्रशासन की योजना को लेकर अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे छात्रों में चिंता है।
