नई दिल्ली, 30 मई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट रूप से समझने की जरूरत है कि आजादी के बाद से भारत के खिलाफ वह जो आतंकवाद का “खतरनाक खेल” खेल रहा है, वह खत्म हो चुका है।
गोवा के तट पर विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ बातचीत में सिंह ने इस्लामाबाद को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए उन तरीकों का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा, जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है।
उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ हर वह तरीका अपनाएंगे जिसके बारे में पाकिस्तान सोच सकता है, लेकिन हम उन तरीकों का इस्तेमाल करने में भी नहीं हिचकिचाएंगे जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी धरती पर चल रहे “आतंकवाद के नर्सरी” को उखाड़ फेंकना पाकिस्तान के हित में होगा।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी धरती से भारत विरोधी गतिविधियां खुलेआम चल रही हैं। भारत सीमा और समुद्र के इस पार तथा उस पार आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है।”
उन्होंने कहा, “आज पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार को स्वीकार कर रहा है। आज दुनिया की कोई भी ताकत भारत को ये काम करने से नहीं रोक सकती।”
सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना ने अपनी मौन सेवा से प्रत्येक भारतीय को प्रभावित किया है। मौन रहकर भारतीय नौसेना पाकिस्तानी सेना को बांधे रखने में सफल रही।”
उन्होंने कहा कि जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी धरती पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, तो अरब सागर में भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके अपने तटों तक ही सीमित कर दिया।
समग्र कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा, “हमारा हमला इतना शक्तिशाली था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लगा।” उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में हमने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों और उसके इरादों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस गति, गहराई और स्पष्टता के साथ हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की वह उल्लेखनीय थी।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवादियों को बल्कि उन्हें पालने वाले उनके संरक्षकों को भी स्पष्ट संदेश दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने अपनी शर्तों पर अपनी सैन्य कार्रवाइयां रोक दीं।”
