नई दिल्ली, 20 मई: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले चार से पांच दिनों में केरल पहुंचने की संभावना है, जो कि सामान्य तिथि 1 जून से काफी पहले है।
मौसम विभाग ने पहले पूर्वानुमान लगाया था कि मानसून 27 मई तक केरल में दस्तक देगा। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, यदि मानसून उम्मीद के मुताबिक केरल पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर सबसे जल्दी दस्तक होगी, जब 23 मई को मानसून की शुरुआत हुई थी। आईएमडी ने मंगलवार दोपहर को एक अपडेट में कहा, “अगले 4-5 दिनों के दौरान केरल में मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।” आम तौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से हट जाता है। पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में मानसून आया था; 8 जून 2023; 2022 में 29 मई; 2021 में 3 जून; 2020 में 1 जून; 8 जून, 2019; आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक संचयी वर्षा का अनुमान लगाया था, जिसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है। आईएमडी के अनुसार, 50 वर्ष के औसत 87 सेमी के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य’ माना जाता है। दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कम’ माना जाता है; 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से नीचे’ है; 105 प्रतिशत और 110 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से ऊपर’ है; तथा 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा को ‘अतिरिक्त’ वर्षा माना जाता है। मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है तथा देश के सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। यह देश भर में पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को पुनः भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है।