श्रीनगर, 10 मई: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान द्वारा सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के संबंध में नई दिल्ली की चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
यहां एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
अब्दुल्ला ने युद्ध विराम के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया तथा इस बात को स्वीकार किया कि वर्तमान स्थिति का क्षेत्र के लोगों और उनकी संपत्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने कहा, “नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले हमारे लोगों को दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिगड़ते हालात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस कदम से हमारे उन लोगों की पीड़ा काफी हद तक कम हो जाएगी जो गोलीबारी में फंस गए हैं।”
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी मित्रता की वकालत की है।
उन्होंने कहा, “हालांकि, विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी पाकिस्तान की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के संबंध में भारत की वास्तविक चिंताओं का समाधान करना होगा।”