जम्मू, 7 मई : सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए बड़ी संख्या में युवा बुधवार को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल हुए लोगों के लिए रक्तदान करने के लिए उमड़ पड़े।
इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर पूरे क्षेत्र में सैन्य समर्थक प्रदर्शन हुए — भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी बुनियादी ढांचे स्थलों पर जवाबी मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा भी शामिल है।
ये हमले जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में किए गए जिसमें 22 अप्रैल को 26 नागरिक मारे गए थे।
रक्तदान अभियान में युवा नागरिकों की भारी भागीदारी देखी गई, जिनमें से कई अस्पताल के बाहर लंबी कतारों में खड़े थे।
भाजपा विधायक अरविंद गुप्ता, जो इस पहल में शामिल हुए, ने कहा, “हमने किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने की प्रतिबद्धता के रूप में रक्तदान किया
है।” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “अधिक युवाओं को आगे आना चाहिए और देश के लिए योगदान देना चाहिए।
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उन्होंने कहा, “यह पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल हुए लोगों के लिए है। और भी लोग स्वेच्छा से इसमें शामिल हो रहे हैं।”
मानवीय भावना के समानांतर, जम्मू और कठुआ के कुछ हिस्सों में कई प्रदर्शन हुए, जहाँ नागरिकों ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर आतंकी शिविरों पर सटीक हमलों के लिए भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना की सराहना करते हुए नारे लगाए।
राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में ऐसे ही एक प्रदर्शन में बड़ी भीड़ जुटी।
कुमार ने तिरंगा लहराते हुए कहा, “हमें अपनी सेना पर गर्व है। राष्ट्र उनकी बहादुरी और रणनीतिक कार्रवाई को सलाम करता है।”
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी धरती और पीओके से संचालित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ “बड़े पैमाने पर और सराहनीय” अभियान के लिए अपना आभार व्यक्त किया।
जम्मू की सड़कों पर देशभक्ति का जोश उमड़ रहा था, वहीं जमीनी स्तर पर संदेश स्पष्ट था – सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता और सीमा पार आतंकवाद के सामने अडिग संकल्प।