जम्मू/श्रीनगर, 7 मई: अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास अग्रिम गांवों पर पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलाबारी और मोर्टार से हमला किया, जिसमें चार बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 57 अन्य घायल हो गए। सीमा पार से भारी गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के तुरंत बाद शुरू हुई, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप दुश्मन पक्ष के कई लोग हताहत हुए हैं, क्योंकि गोलीबारी में शामिल उनकी कई चौकियां नष्ट हो गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ जिले में हुआ, जहां सभी नागरिक मारे गए, 42 लोग घायल भी हुए अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से की गई अंधाधुंध गोलाबारी से सीमावर्ती निवासियों में दहशत फैल गई और उन्हें मजबूरन भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ी या अपने गांवों के भीतर या बाहर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास बालाकोट, मेंढर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और यहां तक कि पुंछ जिला मुख्यालय से भी गोलाबारी की खबर मिली, जिससे दर्जनों घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने मृतकों की पहचान बलविंदर कौर उर्फ “रूबी” (33), मोहम्मद जैन खान (10), उसकी बड़ी बहन जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), अमरीक सिंह (55), मोहम्मद इकबाल (45), रंजीत सिंह (48), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), मरियम खातून (7), विहान भार्गव (13) और मोहम्मद रफी (40) के रूप में की गई है। अधिकारियों ने बताया कि बारामूला जिले के उरी सेक्टर में सीमा पार से की गई गोलाबारी में पांच नाबालिग बच्चों समेत 10 लोग घायल हो गए जबकि राजौरी जिले में तीन अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में गोलाबारी के कारण कई घरों में आग लग गई। दोपहर तक सीमा पार से गोलाबारी तेज रही और बाद में रुक-रुक कर जारी रही, जो ज्यादातर पुंछ सेक्टर तक ही सीमित रही। अधिकारियों ने बताया कि भारी गोलाबारी के कारण स्थानीय लोगों को पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुंछ बस स्टैंड भी निशाना बना और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि छह और सात मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के सामने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियों से तोपों से गोलाबारी समेत मनमाने तरीके से गोलीबारी की ।
