रामबन, 26 अप्रैल: जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पहलगाम आतंकवादी हमले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि वह इस्लामाबाद से आने वाले बयानों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहते।
अब्दुल्ला ने पहले तो इस घटना से इनकार करने और फिर भारत पर दोष मढ़ने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने हमले को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाएं कभी नहीं होनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा, “सबसे पहले तो उन्होंने यह भी नहीं माना कि पहलगाम में कुछ हुआ था। पहले तो उन्होंने कहा कि इसके पीछे भारत का हाथ है।”
उन्होंने आगे कहा, “जिन लोगों ने हम पर आरोप लगाए हैं, उनके लिए अब इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। मैं उनके बयानों को ज़्यादा महत्व नहीं देना चाहता। जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए था…”
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की “तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय” जांच में भाग लेने की इस्लामाबाद की इच्छा व्यक्त की।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित काकुल में पाकिस्तान सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा, “एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान को “आतंकवाद के खिलाफ दुनिया का अग्रणी देश” बताते हुए शहबाज शरीफ ने आगे दावा किया कि देश को “बहुत नुकसान हुआ है।”
डॉन के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के अग्रणी देश के रूप में, हमने भारी नुकसान उठाया है, जिसमें 90,000 लोग हताहत हुए हैं और आर्थिक नुकसान कल्पना से परे, 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।”
एक दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया था कि उनका देश आतंकवादी समूहों को वित्त पोषण और समर्थन दे रहा है।
वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हाकिम के साथ बातचीत कर रहे थे, जब उन्होंने उनसे पूछा, “लेकिन आप मानते हैं, आप मानते हैं, महोदय, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने का एक लंबा इतिहास रहा है?”
ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, “हम करीब तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं… यह एक गलती थी और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।”
स्काई न्यूज के प्रस्तोता यल्दा हकीम के साथ साक्षात्कार में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने भारत के साथ “पूरी तरह से युद्ध” की चेतावनी दी। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिसमें 26 लोग मारे गए, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि को भी रोक दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को भरोसा दिलाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के षडयंत्रकारियों की कमर तोड़ देगी।