जम्मू, 07 अप्रैल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उनके समर्थन और “शून्य-आतंक” रणनीति की प्रशंसा करते हुए, जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है।
डीजीपी ने कहा कि जब तक केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता, तब तक उनका बल चैन से नहीं बैठेगा।
प्रभात यहां राजभवन में एक विशेष समारोह में गृह मंत्री द्वारा 10 पुलिसकर्मियों सहित 11 शहीदों के परिवारों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति आदेश सौंपे जाने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
डीजीपी ने कहा कि 1989 से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 515 विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) सहित 1,614 पुलिस कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
उन्होंने कहा कि शाह के “शून्य आतंक” योजना जैसे निर्णयों के सफल कार्यान्वयन और उनके समर्थन ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को रणनीतिक रूप से बहुत मजबूत बल बना दिया है।
डीजीपी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 515 एसपीओ सहित 1,614 पुलिसकर्मियों का बलिदान पुलिस बल की बहादुरी और जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के उनके प्रयासों को दर्शाता है। हमने पहले ही आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है।”
शहीदों के परिवारों से मिलने और उन्हें व्यक्तिगत रूप से नियुक्ति आदेश सौंपने के लिए गृह मंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि उनका बल तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता।
प्रभात ने पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल पर भी प्रकाश डाला और गृह मंत्री के मार्गदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि समन्वय पर जोर दिए जाने से पुलिस मजबूत हुई है और चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए तैयार हुई है।
उन्होंने सामान्य युद्ध विशेष प्रशिक्षण, शिविर सुरक्षा और क्षेत्र वर्चस्व के संचालन में गृह मंत्री के सहयोग की भी प्रशंसा की।