लखनऊ, 11 फरवरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि कुछ लोग महाकुंभ को वीआईपी स्नान से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यह सद्भाव और आस्था का संगम है जहां श्रद्धालु जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र की बाधाओं को दूर करके हाथ मिलाते हैं।
दीनदयाल उपाध्याय की 57वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, “ये कौन लोग हैं जो नकारात्मकता फैला रहे हैं? ये वही लोग हैं जिन्होंने जीवन भर सरकार से वीवीआईपी ट्रीटमेंट लिया और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए रास्ता बनाने की कोशिश की। ये वे लोग हैं जो नकारात्मकता पैदा करके और झूठा प्रचार करके भारत और सनातन धर्म के खिलाफ खड़े हैं।” मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्षी नेताओं ने 29 जनवरी को प्रयागराज में भोर में हुई भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं के मारे जाने के बाद
उत्तर प्रदेश सरकार पर “कुप्रबंधन” और “वीआईपी संस्कृति” का आरोप लगाया है।
प्रयागराज में 29 दिनों में 45 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है, जो ऐतिहासिक है। भारत और चीन के अलावा दुनिया के किसी भी देश की आबादी 45 करोड़ नहीं है। एक अस्थायी शहर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं का डुबकी लगाने से बड़ी क्या बात हो सकती है? कुछ लोग इसे वीआईपी स्नान से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच यह है कि महाकुंभ सद्भाव और आस्था का संगम है, जहां सभी श्रद्धालु जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को मिटाकर एक साथ जुड़ते हैं। बयान में कहा गया है कि उपाध्याय भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे – जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूर्ववर्ती था – और अंत्योदय और एकात्म मानववाद दर्शन के प्रणेता थे।
उनके आदर्शों को याद करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का कल्याण और विकास उपाध्याय का सपना था।
आदित्यनाथ ने कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पंडित उपाध्याय के सपनों को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा, ”पंडित उपाध्याय का मानना था कि किसी भी देश की प्रगति का आकलन शीर्ष पायदान पर खड़े व्यक्ति की समृद्धि से नहीं, बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर से होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने गरीबी उन्मूलन के बड़े-बड़े नारे दिए लेकिन गरीबों की संख्या बढ़ती ही गई।
आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरी ओर मोदी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में गरीबों को सशक्त बनाने का काम किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई नई योजना शुरू होती है, तो कुछ लोगों को उसमें खामियां निकालने की आदत हो जाती है। मुख्यमंत्री ने
कहा, “जब हम चार करोड़ लोगों को घर देते हैं, तो वे कहते हैं कि अभी बहुत सारे घर बाकी हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि तीन करोड़ और घरों को मंजूरी दी गई है। जो लोग पहले वीआईपी सुविधाओं का आनंद लेते थे, वे आज आम लोगों को दी जा रही सुविधाओं पर सवाल उठा रहे हैं।”
