नई दिल्ली, 6 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर काम कर रही है। उन्होंने कांग्रेस पर वोट पाने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता “परिवार पहले” है और इसकी नीतियां इसी पर केंद्रित रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र प्रथम भाजपा की प्राथमिकता है…’’
मोदी ने कहा, “मैं यह बात बहुत गर्व के साथ कहता हूं… पांच-छह दशकों तक लोगों के लिए कोई वैकल्पिक मॉडल नहीं था। लंबे समय के बाद, 2014 के बाद, देश को एक नया मॉडल देखने को मिला, जो तुष्टिकरण पर आधारित नहीं है, बल्कि ‘सभी की संतुष्टि’ पर आधारित है।”
उन्होंने कहा, “पहले का मॉडल, खास तौर पर कांग्रेस के शासन में, हर चीज में तुष्टिकरण था। यह उसकी राजनीति का सार बन गया। यह छोटे समूहों को कुछ देता और दूसरों को वंचित करता। चुनाव के समय यह झूठी उम्मीदें जगाता। इसने लोगों को मूर्ख बनाकर अपनी राजनीति चलाई।”
मोदी ने कहा कि भाजपा नीत सरकार संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा, “हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया। योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए, किसी को वंचित नहीं किया जाना चाहिए और निराशा की ओर नहीं धकेला जाना चाहिए। पिछले दशक में, हर स्तर पर, हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ को लागू करने की कोशिश की है। अब हम इसका असर देख सकते हैं।”
मोदी ने यह भी दावा किया कि जातिवाद फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मोदी ने कहा, “जातिवाद का जहर फैलाने की कोशिश की जा रही है। तीन दशकों तक, सभी दलों के दोनों सदनों के ओबीसी सांसद ओबीसी के लिए एक आयोग की मांग करते रहे, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया क्योंकि, शायद, यह उस समय की राजनीति के अनुकूल नहीं था। हमने इस ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।”
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी आरक्षण का मुद्दा उठा, यह देश में दरार पैदा करने के लिए किया गया…’’
मोदी ने कहा, “पहली बार हमने एक मॉडल दिया, हमने किसी से छीने बिना आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों ने इसका स्वागत किया, किसी को कोई समस्या नहीं थी।” (एजेंसियां)