जम्मू, 30 जनवरी: जम्मू -कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि वंचित वर्ग का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और समाज की सामूहिक शक्ति को सबसे गरीब लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाना चाहिए।
महात्मा गांधी की शहादत की वर्षगांठ के अवसर पर गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा आयोजित ‘शांति दूत सम्मेलन’ में भाग लेते हुए सिन्हा ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी।
उपराज्यपाल ने कहा कि सत्य और अहिंसा के सिद्धांत और मूल्य, जिनके लिए गांधी हमेशा प्रतिबद्ध थे, समय और स्थान से परे हैं।
उन्होंने कहा, “वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने गांधी के जीवनकाल में थे। उन्होंने मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और प्रत्येक भारतीय की भलाई के लिए हमारा मार्गदर्शन किया है।”
उपराज्यपाल ने सेना के बहादुरों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया और उन सभी नेताओं, सेनानियों और शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
“आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं, वह संघर्षों का गवाह बन रही है। दुनिया के कई हिस्सों में, चल रहे आक्रमण के कारण समाज विघटन का सामना कर रहे हैं। ऐसे परिदृश्य में, शांति और अहिंसा की आवश्यकता गहराई से महसूस की जाती है
सिन्हा ने समाज के हर वर्ग से गांधी के आदर्शों और मूल्यों के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने और गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के सशक्तीकरण के लिए एकजुट होने और ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,
‘पूज्य बापू ने एक बार कहा था कि उनके जीवन का मिशन हर आंख से आंसू पोंछना है। यह हमारा जीवन आदर्श होना चाहिए। वंचित वर्ग का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और समाज की सामूहिक ताकत को सबसे गरीब लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाना चाहिए।’
लेफ्टिनेंट गवर्नर ने गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने और ‘सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भाव’ के महान संदेश को फैलाने के अपने निरंतर प्रयासों के लिए गांधी ग्लोबल फैमिली जेएंडके की सराहना की।
गांधी ग्लोबल फैमिली जेएंडके के अध्यक्ष पद्मश्री एसपी वर्मा द्वारा रखी गई मांग का जवाब देते हुए, सिन्हा ने आश्वासन दिया कि पिछले अभ्यास के अनुसार जम्मू और कश्मीर में महीने भर चलने वाला गांधी जयंती समारोह जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि मानवता गांधी के आदर्शों पर चलकर ही जम्मू-कश्मीर, देश और दुनिया में शांति, सद्भाव और विकास का सही मार्ग और लक्ष्य प्राप्त कर सकती है।
राष्ट्रपिता और भारत की आजादी के संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।
गांधी के दृष्टिकोण, आदर्शों और दर्शन को बनाए रखने और बढ़ावा देने की शपथ भी दिलाई गई।