मायानगरी मुंबई, 28 Jan : और इसके आसपास के एरिया में पेट्रोल, डीजल वाहनों पर रोक लग सकती है। दरअसल, मुंबई और इसके आसपास के एरिया यानी मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में बढ़ते बायु प्रदूषण को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने की संभावना तलाशने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। गत 22 जनवरी के सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली यह समिति अध्ययन का काम करेगी और तीन महीने के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त, मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), महानगर गैस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (महावितरण) के परियोजना प्रबंधक, सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के अध्यक्ष और संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन-1) समिति के अन्य सदस्य सचिव हैं।
बई उच्च न्यायालय ने चिंता जताई थी
सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि समिति को क्षेत्र के विशेषज्ञों को साथी सदस्यों के रूप में शामिल करने और उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त करने का अधिकार है। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में पड़ोसी ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले भी शामिल हैं। नौ जनवरी को एक स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई शहर में यातायात की भीड़ और बढ़ते प्रदूषण और जीवन की गुणवत्ता, पर्यावरण और समग्र स्थिरता पर उनके नकारात्मक प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
विशेषज्ञों की एक समिति बनाई
उच्च न्यायालय ने बताया कि वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है, यह देखते हुए कि मुंबई में वाहनों की संख्या और प्रदूषण को नियंत्रित करने के मौजूदा उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। उच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर कार्रवाई करते हुए, राज्य सरकार ने एमएमआर में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने की व्यवहार्यता पर अध्ययन करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है।