Patanjali Real Owner: बाबा रामदेव न केवल विश्व विख्यात योग गुरु हैं, बल्कि एक सफल बिजनेसमैन भी है. उन्होंने न सिर्फ योग को दुनियाभर में फैलाया बल्कि भारत के देशी ब्रांड पतंजलि आर्युवेद को एक बिजनेस एम्पायर में बदल दिया. आर्युवेद को नई पहचान देते हुए बाबा रामदेव ने पतंजलि के जरिए घर-घर तक इसके प्रोडक्ट्स पहुंचा दिए. लोगों के बीच पतंजलि प्रोडक्ट्स की लोकप्रियता जितनी तेजी से बढ़ी, उतनी ही तेजी से इस कंपनी का टर्नओवर भी बढ़ता चला गया. अधिकांश लोग यही मानते हैं कि बाबा रामदेव हजारों करोड़ के पतंजलि के असली मालिक हैं, लेकिन हाल ही में एक वीडियो के जरिए बताया कि पतंजलि आर्युवेद के असली मालिक कौन हैं?
पतंजलि खाद्य और ब्यूटी प्रोडक्ट्स के अलावा योग ग्राम, निरामयम, पतंजलि योगपीठ, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय समेत देशभर में 100 से अधिक संस्थान पतंजलि के पास है. बाबा रामदेव की कोशिश है कि योग और आर्युवेद पर आधारित पतंजलि का कारोबार अगले पांच सालों में एक लाख करोड़ के मार्केट कैप को पार कर जाए. अगर पतंजलि फूड्स की बात करें तो उसका मार्कट कैप ₹67535 करोड़ है. इस बड़ी कंपनी का असली मालिक कौन हैं इसे लेकर योगगुरु ने खुद राज खोला है. योग गुरु ने बताया कि कैसे इस कारोबार को खड़ा करने में दिन-रात की कड़ी मेहनत लगी है.
उन्होंने बातचीत में कहा कि बाबा रामदेव या आचार्य बालकृष्ण पतंजलि के लाखों करोड़ के साम्राज्य के असली मालिक नहीं है. हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में साइकिंग करते हुए बाबा रामदेव ने पतंजलि के मालिकाना हक को लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी. योगगुरु ने बताया कि इस कंपनी का असली मालिक पूरा देश और देश के लोग है. उन्होंने कहा कि पतंजलि का पूरा साम्राज्य देश और देश की जनता का है. इसके लाभार्थी भी वही हैं और असली मालिक भी.
उन्होंने कहा कि पतंजलि के लाखों करोड़ों के साम्राज्य पर लोगों की बुरी नजर है. लोग हैरान है कि इतना बड़ा संस्थान हमने कैसे खड़ा कर दिया. उन्होंने बताया कि देशभर में 100 से बड़ी संस्थाएं पतंजलि ने खड़ी की है. उनका लक्ष्य योग को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना है. देशभर में एक लाख से अधिक जगहों पर पतंजलि के योग शिक्षक है. 10 लाख से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि हेल्थ, एजुकेशन, गरीबों के उत्थान, प्रकृति, चैरिटी जैसे कामों पर हमने लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. 200 करोड़ रुपये तो रनिंग कॉस्ट है. उन्हें उम्मीद है कि योग और आर्यवेद का ये सफर ऐसे ही बढ़ता जाएगा.
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने मिलकर साल 1995 में पतंजलि का कंपनी के रुप में रजिस्ट्रेशन कराया था. उनके पास कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए भी पैसे नहीं थे, इसके लिए 13 हजार रुपये लगने थे, जबकि दोनों के पास सिर्फ 3500 रुपये थे. दोस्तों से उधार लेकर उन्होंने रेजिस्ट्रेशन की रकम का भुगतान किया. साल 1995 मे दिव्य योग ट्रस्ट, साल 2006 में पतंजलि योगपीठ की शुरुआत की. समूह के तहत वे करीब 34 कंपनियों और तीन ट्रस्ट है. पतंजलि सौंदर्य प्रसाधन, आयुर्वेदिक दवा, व्यक्तिगत देखभाल और खाद्य उत्पादों का निर्माण करती है. बाबा रामदेव पतंजलि के फेस हैं. साल 2016 में भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली एफएमसीजी कंपनियों में से पतंजलि थी. साल 2020 में इसका मूल्य करीब 3 हजार करोड़ के बराबर था. पतंजलि एमएमसीजी क्षेत्र के दिग्गज आईटीसी, हिंदुस्तान लीवर और डॉबर जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है.