जम्मू, 16 नवंबर: जम्मू कश्मीर राजभवन में आज झारखंड दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। झारखंड दिवस 15 नवंबर को मनाया गया। इस अवसर पर छात्र, सुरक्षाकर्मी और झारखंड के निवासी विशेष रूप से आमंत्रित थे।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने झारखंड के समृद्ध इतिहास पर बात की और झारखंड के समाज सुधारकों, स्वतंत्रता सेनानियों, साहित्यकारों, किसानों, कलाकारों और महान हस्तियों के बहुमूल्य योगदान को याद किया। उपराज्यपाल ने कहा,
“भारत में प्राचीन काल से ही हम प्रकृति और मानव जाति के बीच संतुलन बनाए रखने में विश्वास करते रहे हैं। आज झारखंड दिवस समारोह ने हमें प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और संरक्षण के अपने संकल्प की पुष्टि करने का अवसर प्रदान किया है।” उपराज्यपाल ने इस बात पर
प्रकाश डाला कि झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि, विविधता और इसके लोगों का उद्यमशीलता का दृष्टिकोण भारत के विकास में समृद्ध योगदान दे रहा है।
“झारखंड का शाब्दिक अर्थ है ‘जंगलों की भूमि’। यह भगवान बिरसा मुंडा और तिलका मांझी जैसे समाज सुधारकों और स्वतंत्रता सेनानियों का घर है। यह पवित्र भूमि आने वाले वर्षों में प्रगति और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए .