गुरुग्राम , 25 May : मई में ही धरती जून जैसी तप रही है। गुड़गांव लोकसभा के लिए मतदान के दिन शनिवार सुबह 11 बजे ही तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दोपहर होते ही आसमान से आग बरसने लगी। असहनीय गर्मी के बावजूद वोट डालने के लिए लोग कतार में खड़े रहे।
कई बूथों पर तो दोपहर में तीन बजे भी मतदाताओं की लंबी लाइन नजर आई। प्रशासन ने टेंट आदि लगाकर धूप से बचाव के भी प्रबंध किए थे। मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 44.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
रातें भी गुजर रहीं गर्म
मौसम विभाग ने हीट वेव (लू) और तापमान बढ़ने की चेतावनी जारी की थी। आने वाले दिनों में भी झुलसाने वाली गर्मी से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले 15 दिनों से रातें भी ठंडी नहीं हो रही हैं। पिछले सप्ताह दिन का पारा 45.0 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था और आगामी दिनों में अधिकतम तापमान 47.0 डिग्री सेल्सियस तक या इससे भी ऊपर पहुंच सकता है।
45 डिग्री से पार भी पहुंचा था पारा
पिछले वर्षों की अगर बात करें तो वर्ष 2022 में 16 मई को अधिकतम तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 2023 में मई महीना बीच-बीच में हुई वर्षा की फुहारों के मौसम ज्यादा गरम नहीं रहा और इस महीने में सबसे अधिक तापमान 23 मई को 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गत 19 मई को अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
एसी कमरों में बैठने वाले चिलचिलाती धूप में वोट डालने पहुंचे
आज 46 डिग्री तापमान की चिलचिलाती और झुलसा देन वाली धूप भी नही रोक पाई मतदाताओं के कदम लोकसभा चुनाव के इस लोकतंत्र की ईंट मजबूत करने लिए एयरकंडीशनर कमरों में बैठने वाले डीएलएफ वासियों ने वोटिंग करने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहे हैं। डीएलएफ फेज एक से पांच के बूथों पर लोगों की लाइनें को देखते हुए अब पुराने गुरुग्राम और नए गुरुग्राम में मतदाताओं के घरों से निकलने में कोई फर्क नही रह गया हैं। लोग अपने मताधिकार के प्रयोग को लेकर जागरूक, उत्साहित और लहलायित नजर आए। बूथों पर पहली बार मतदाताओं के चेहरों पर उत्साह नजर आया।
निगम सड़कों पर कर रहा पानी का छिड़काव
भीषण गर्मी में सड़कें तेजी से गरम हो रही हैं। नगर निगम गुरुग्राम तापमान को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न सड़कों पर टैंकरों के माध्यम से एसटीपी के शोधित पानी का छिड़काव करवा रहा है ताकि नागरिकों को गर्मी से कुछ राहत मिल सके। पानी के छिड़काव से तापमान को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।