
बिहार , 20 Nov : बिहार की राजनीति में आज दो बड़े घटनाक्रम देखने को मिले. एक तरफ जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भितिहरवा गांधी आश्रम में मौन व्रत रखा, वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, विधानसभा चुनाव में जन सुराज को एक भी सीट नहीं मिली. इसके बाद प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्ममंथन के तौर पर मौन व्रत रखने का ऐलान किया था. उन्होंने (Prashant Kishor) कहा था कि वे बिहार को बेहतर बनाने के अपने संकल्प से पीछे नहीं हटेंगे. हमसे गलती हुई है लेकिन कोई अपराध नहीं किया. अब दोगुनी मेहनत करेंगे और तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक संकल्प पूरा नहीं होता.
प्रशांत किशोर का संदेश
गांधी आश्रम में मौन व्रत के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने यह संदेश दिया कि वे हार मानने वाले नहीं हैं. उनका (Prashant Kishor) कहना है कि वे लोगों को यह समझाने में नाकाम रहे कि किस आधार पर वोट करना चाहिए और क्यों एक नई व्यवस्था बनानी चाहिए. इसी वजह से उन्होंने मौन व्रत को प्रायश्चित का रूप दिया.
नीतीश कुमार ने ली सीएम पद की शपध
दूसरी ओर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह वही मैदान है जहां जयप्रकाश नारायण ने 1974 में ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया था. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत NDA के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे.
NDA का शक्ति प्रदर्शन
शपथ ग्रहण समारोह में NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इनमें हरियाणा के नायब सिंह सैनी, असम के हिमंत बिस्वा सरमा, नागालैंड के नेफ्यू रियो, आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू, यूपी के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी शामिल थे. बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान और एलजेपी (RV) प्रमुख चिराग पासवान भी मंच पर मौजूद रहे.







