
आंध्र प्रदेश , 18 Nov : आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बलों और माओवादी गुट के बीच हुई मुठभेड़ में माओवादियों का शीर्ष कमांडर मद्वी हिडमा मार (43) गिराया गया है। वह भारतीय सुरक्षा बलों के लिए लंबे समय से प्राथमिक लक्ष्य था और उसके ऊपर 26 घातक हमलों को अंजाम देने का आरोप था। जिसमें 2013 का दरभा घाटी नरसंहार और 2017 का सुकमा हमला शामिल हैं।
सुरक्षाबलों के एक विशेष अभियान के दौरान माडवी हिडमा और उसके 5 सहयोगी माओवादी अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली में ढेर किए गए। अधिकारियों ने इसे माओवादी नेटवर्क पर निर्णायक सफलता बताया है।
हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एक छोटे गांव में हुआ था। वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख और सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य बनकर माओवादी संगठन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा।

इस मुठभेड़ में हिड़मा उर्फ संतोष के साथ उनकी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई। हिड़मा बस्तर में माओवादी गतिविधियों का चेहरा रहा है और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हिड़मा माओवादी ऑपरेशनों के सबसे खतरनाक चेहरों में से एक था। उसके नेतृत्व में कई खतरनाक हमले हुए, जिनमें शामिल हैं:
2010 दंतेवाड़ा हमला: इसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए।
2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोग मारे गए, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेता भी शामिल थे।
2021 सुकमा–बीजापुर हमला: 22 सुरक्षा जवान शहीद हुए।

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, हिड़मा लंबे समय तक बस्तर क्षेत्र में सबसे घातक माओवादी ऑपरेशनों की अगुवाई करता रहा। उसके मरने को माओवादी नेटवर्क पर बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हिड़मा CPI (माओवादी) केंद्रीय समिति में बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी सदस्य भी था।
ऑपरेशन के बारे में डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने जानकारी दी कि यह मुठभेड़ अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली में सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुई। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में छह माओवादी मारे गए और इस समय तलाशी अभियान जारी है।






