श्रीनगर, 18 दिसंबर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कश्मीर में कुछ विकास परियोजनाओं के पारिस्थितिक प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विकास पर्यावरण और संसाधनों की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
पूर्ववर्ती जम्मू -कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने तीन परियोजनाओं – राजौरी-बारामुल्ला राजमार्ग, गलांदर से गंदेरबल तक रिंग रोड और रेलवे लाइन के विस्तार पर चिंता जताई।
जम्मू के स्थानीय व्यवसाय
पीडीपी अध्यक्ष ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारी जमीन, जंगल और हमारे संसाधन खतरे में हैं। हमारी लाखों कनाल कृषि भूमि और हमारे जंगलों में लाखों पेड़ उन परियोजनाओं के कारण प्रभावित हो रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से कश्मीर घाटी के अधिकांश जिलों की कृषि भूमि प्रभावित हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इससे संदेह पैदा होता है कि उनका (सरकार का) दिल जम्मू कश्मीर के विनाश से संतुष्ट नहीं है और इसलिए वे अब हमारी जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं।’’
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि ऐसी आशंका है कि इस अनियोजित विकास से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जोशीमठ जैसी आपदाएं आ सकती हैं।
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि वह विकास के खिलाफ नहीं हैं लेकिन विकास पर्यावरण, प्राकृतिक सौंदर्य और कृषि भूमि की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने घाटी में सैटेलाइट टाउनशिप स्थापित करने पर भी चिंता जताई तथा सरकार से यह बताने को कहा कि ऐसे फ्लैटों के लाभार्थी कौन हैं।
“हम मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) से अनुरोध करते हैं कि हम अनुच्छेद 370 और अन्य बड़े मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, भले ही उनके पास 50 विधायक हों, लेकिन यह आवास और शहरी विकास विभाग का मुद्दा है जो उनके अधीन है। पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “तीस टाउनशिप बनाई जा रही हैं, जिसके लिए 1.29 लाख कनाल कृषि भूमि की आवश्यकता है। हम उमर से जानना चाहते हैं कि वहां किन लोगों को बसाया जा रहा है। इनका हमारी भूमि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?”
उन्होंने सरकार से इन परियोजनाओं में हस्तक्षेप करने की अपील की ताकि “इनसे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।”