श्रीनगर , 20 May : (Jammu Kashmir Crime Hindi News) प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रवक्ता अली मोहम्मद लोन उर्फ जाहिद अली ने रविवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। वह श्रीनगर सेंट्रल जेल तोड़कर भागने के षड्यंत्र, जेल में हिंसा व पथराव और कश्मीर में टेरर फंडिंग व राष्ट्रद्रोह के विभिन्न मामलों में पुलिस को वांछित था। लोन को वर्ष 2019 में हिरासत में लिया गया था।
उसे जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बनाया गया था और इसी वर्ष अप्रैल में अदालत के आदेश पर रिहा किया गया था। अली मोहम्मद लोन मूलत: दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के निहामा का रहने वाला है।
पुलिस प्रवक्ता (Jammu Kashmir Police) ने बताया कि आरोपित लोन कथित तौर पर 2019 में श्रीनगर सेंट्रल जेल में आगजनी, दंगा, जेल तोड़ने का प्रयास, देश विरोधी नारे लगाने और पथराव से जुड़े अपराधों की साजिश में शामिल था।
उसने इसी मामले में आत्मसमर्पण किया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय ने गत अप्रैल में उसकी रिहाई का आदेश देते हुए प्रदेश प्रशासन को उसे अवैध हिरासत के लिए पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-E-Islami) के प्रवक्ता रहे लोन को पहली बार मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसी साल जुलाई में अदालत ने जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उसे बंदी बनाए जाने के प्रशासन के फैसले को रद कर रिहा करने का आदेश दिया गया था। इसके छह दिन बाद उसे दोबारा हिरासत में लिया गया था, लेकिन 2020 में अदालत ने उस पर पीएसए (PSA Act) लगाने के आदेश को रद कर दिया था।
तीन महीने के भीतर, उसे फिर से गिरफ्तार किया गया और 2021 में अदालत ने फिर रिहा करने का आदेश दिया। उस पर 2021 में चौथी बार पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसे पिछले महीने ही अदालत ने रद कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने प्रदेश प्रशासन को लोन को मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।