नई दिल्ली, 15 May : आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर उनके साथ दूसरी पार्टियों से अलग व्यवहार करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि केंद्र उनके साथ दूसरी पार्टियों के बराबर व्यवहार नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
दरअसल, आप ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने कार्यालय के लिए अस्थायी आधार पर जमीन आवंटित करने की मांग की है। क्योंकि उन्हें दूसरी पार्टियों की तरह मध्य दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर पार्टी कार्यालय के लिए जमीन आवंटित नहीं की गई है।
कोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दलील यह है कि आप (केंद्र सरकार) उनके साथ दूसरों के बराबर व्यवहार नहीं कर रहे हैं। आप उन्हें दूर स्थान पर फेंक रहे हैं।
15 जून तक खाली करना है कार्यालय
आम आदमी पार्टी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के अनुसार, पार्टी को 15 जून तक डीडीयू मार्ग पर अपना वर्तमान कार्यालय खाली करना होगा, जो अदालतों के लिए निर्धारित था। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा और बोर्ड के शीर्ष पर मामले की सुनवाई 20 मई को तय की।
दिल्ली हाईकोर्ट दो याचिकाओं पर विचार कर रहा है, जिसेमं आम आदमी पार्टी द्वारा सेंटर दिल्ली में अपने कार्यालय के लिए अस्थायी आवंटन या स्थायी आवंटन जमीन की मांग की गई है।
कोर्ट में केंद्र ने क्या कहा?
बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के पास डीडीयू मार्ग पर कोई जमीन खाली नहीं है। केंद्र सरकार के वकील ने यह भी कहा कि 2024 में पार्टी को साकेत में जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। 2023 से पहले जब यह एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई, तो पार्टी ने कभी भी मध्य दिल्ली में जमीन नहीं मांगी।