जम्मू , 3 Apr : Jammu Kashmir Politics: नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला अब चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे। वह पार्टी के संरक्षक एवं मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे। पार्टी नेता स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहे हैं। नेकां (National Conference) की कमान अब पूरी तरह से उमर अब्दुल्ला के हाथ में रहेगी।
1980 में श्रीनगर से चुने गए थे सांसद
यही नहीं अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रही श्रीनगर सीट से उनके पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को उतारने की तैयारी कर ली गई है। फारूक फिलहाल श्रीनगर से सांसद हैं। हालांकि, अब्दुल्ला परिवार ने इस विषय पर टिप्पणी नहीं की है। फारूक पहली बार 1980 में श्रीनगर सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद वह 2009, 2017 (उपचुनाव) और 2019 में भी श्रीनगर सीट से ही जीते थे।
PDP नेता तारिक हमीद की दी थी शिकस्त
उन्होंने अपने जीवन की पहली चुनावी हार का मुंह भी श्रीनगर संसदीय सीट पर 2014 में देखा था। उन्हें पीडीपी के तारिक हमीद करा ने हराया था। नेकां सूत्रों ने बताया कि फारूक ने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। उनकी किडनी प्रत्यारोपित हो चुकी है और उन्हें हृदयरोग समेत कुछ अन्य बीमारियां भी हैं। जीवन के 87 वसंत पार कर चुके फारूक अब्दुल्ला ने खुद तय किया है कि वह अब चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे।
उमर भी श्रीनगर से निर्वाचित हुए
फारूक के इन्कार के बाद उमर अब्दुल्ला ही अब इस सीट से नेकां के प्रत्याशी होंगे। बता दें कि उमर भी श्रीनगर सीट से 1998, 1999 और वर्ष 2004 में निर्वाचित हुए थे। नेकां से जुड़े सूत्रों ने बताया कि फारूक बेशक पार्टी प्रमुख हैं, किंतु पार्टी में सभी महत्वपूर्ण निर्णय उमर ही अंतिम तौर पर ले रहे हैं। संगठनात्मक गतिविधियों का पूरा नियंत्रण उमर के पास ही है।