द हिंदू में सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि राफेल सौदे पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में बदलाव करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कुछ मुख्य प्रावधानों को हटा दिया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने लूट कराई है। राहुल ने कहा, “हर रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी धाराएं होती हैं। द हिंदू ने खबर दी है कि पीएम ने भ्रष्टाचार विरोधी खंड हटा दिया। यह साफ है कि पीएम ने लूट में सहायता की।
Congress President Rahul Gandhi : Every defence deal has an anti-corruption clause. The Hindu has reported that the PM removed the anti-corruption clause. It is clear that the PM facilitated loot. #Rafale pic.twitter.com/FnZEkELOPt
— ANI (@ANI) February 11, 2019
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ की एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘मोदी जी, राफेल सौदे में सॉवरन गारंटी माफ करने के बाद अपने भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान में भी छूट दे दी। आखिर आप कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे?”
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘सरकार ने जितना सोचा नहीं था, उससे ज्यादा तेजी से राफेल सौदे में खुलासे हो रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि पहले कीमत बढ़ाई गई, फिर यह खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत करके भारतीय वार्ता दल के प्रयासों को कमजोर किया। अब यह खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया के प्रावधानों में बदलाव किए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दसाल्ट को इस सौदे में फायदा ही फायदा हुआ है।
गौरतलब है कि अखबार की खबर में कहा गया है कि फ्रांस के साथ इस सौदे के समझौते पर दस्तख्त करने से चंद दिन पहले ही सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनाल्टी से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था।
कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लंबे समय से लगा रही है, हालांकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज करती रही है।
द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है?
नरेंद्र मोदी सरकार के लिए इसके महत्वपूर्ण राजनीतिक निहितार्थ हैं। जिन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार को खत्म करना शासन के लिए उनके एजेंडे का एक प्रमुख मुद्दा है, और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान हुए रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था।
आपके लिए खासः
- अंग्रेजी अखबार द हिंदू का दावा है कि उनके पास मौजूद आधिकारिक दस्तावेज में यह उल्लेखित है कि तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर परिकर की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 2016 में अंतर सरकार समझौता, आपूर्ति प्रोटोकॉल, ऑफसेट अनुबंध और ऑफसेट शेड्यूल में आठ बदलावों को “परिवर्तन और अनुमोदित” किया।
- वाइस एडमिरल अजीत कुमार द्वारा हस्ताक्षरित एक नोट में कहा गया है: “आपूर्ति प्रोटोकॉल में ‘अनुचित प्रभाव के लिए दंड, एजेंट्स /एजेंसी कमीशन’, और ‘कंपनी खातों तक पहुंच’ से संबंधित मानक डीपीपी के नियम से हटाए जाएं।”
मनोहर परिकर के रक्षा मंत्री रहते किए गए 8 अहम बदलाव
