मध्य प्रदेश , 7 Jan : मध्य प्रदेश के जबलपुर में करीब 1000 करोड़ की लागत से बन रहे प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है. इस संबंध में कांग्रेस ने आवाज उठाई और अब कार्रवाई देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमीन सिंघार ने फ्लाईओवर के निर्माण में लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर 4 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था. इस पोस्ट के बाद ही हड़कंप मच गया और अब चीफ इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मुख्य अभियंता को पद से बर्खास्त कर दिया गया है.
गौरतलब है कि जबलपुर में मदन महल चौक से दमोह नाका तक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में फ्लाईओवर के एक हिस्से का उद्घाटन भी किया गया था। उद्घाटन के 3 दिन बाद ही सड़क में दरारें दिखने लगीं, जो भ्रष्टाचार को साफ दर्शाता है. इस मामले का जिक्र विपक्षी नेता अमिंग सिंघार ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से एक पोस्ट में किया, जिसके बाद लोक निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया. विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सबसे पहले मुख्य अभियंता एससी वर्मा को जबलपुर से रीवा स्थानांतरित किया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केपीएस राणा ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया, जो 15 दिन के भीतर पूरे मामले पर जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
इस कार्रवाई के बाद भी विपक्ष और स्थानीय लोगों ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार की आलोचना की है. विपक्षी नेताओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ चीफ इंजीनियर के तबादले से काम नहीं चलेगा, बल्कि इस भ्रष्टाचार के लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. यह देखना भी दिलचस्प होगा कि जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट में क्या सामने लाती है. रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होने की संभावना है।